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Das Evangelium des Wassers und des Geistes

Hindi 2

पानी और आत्मा के सुसमाचार की ओर वापसी

Rev. Paul C. Jong | ISBN 8983144017 | Seiten 311

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विषय-सूची

प्रस्तावना
1. नया जन्म पाने के मूल सुसमाचार का मतलब (यूहन्ना ३:१-६) 
2. मसीहियत में झूठे मसीही और पाखंडी लोग (यशायाह २८:१३-१४) 
3. सच्चा आत्मिक खतना (निर्गमन १२:४३-४९) 
4. पाप का सच्चा और सही अंगीकार कैसे करें? (१ यूहन्ना १:९) 
5. प्रारब्ध और दैवीय चुनाव के सिद्धांत की भ्रामकता (रोमियों ८:२८-३०) 
6. याजकपद में परिवर्तन (इब्रानियों ७:१-२८) 
7. यीशु का बपतिस्मा हमारे छुटकारे के लिए अनिवार्य प्रक्रिया है (मत्ती ३:१३-१७) 
8. आओ हम विश्वास के साथ पिता की इच्छा पूरी करें (मती ७:२१-२३) 
 
 
आइए, हम ‘पानी और आत्मा’ के सुसमाचार की ओर लौटें। धर्मविज्ञान और सिंद्धात कभी भी हमें उद्धार नहीं दे सकते हैं। तो भी बहुत से मसीही लोग अभी भी उनके पीछे चल रहे हैं जिसके फलस्वरूप अभी तक उनका नया जन्म नहीं हुआ है। यह पुस्तक स्पष्ट रूप से हमें यह बताती है कि धर्मविज्ञान और धर्मसिद्धांत क्या गलती करते है और हम उचित रीति से किस प्रकार प्रभु यीशु पर विश्वास करें।
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Buchrezensionen von Lesern

  • पानी और आत्मा के सुसमाचार की ओर वापसी
    Darshak Patel, India

    मेरा नाम दर्शक है और में इण्डिया से हूँ। मसीही होने के नाते, हम सब हमारा विश्वास का जीवन उस प्रकार जीना चाहते है की लोग उसकी सराहना करे। लेकिन में आपसे एक महत्वपूर्ण बात कहना चाहता हूँ जो मैंने इस किताब से सीखी है जिसका शीर्षक है, “पानी और आत्मा के सुसमाचार की ओर वापसी” वह यह है की हम मनुष्य निर्मित सिध्धांतों का अनुसरण करने के द्वारा कभी भी धर्मी नहीं बन सकते, कभी भी नहीं।
    यह किताब हमें सच्चे सुसमाचार की ओर वापिस मुड़ने के लिए कहती है।
    इस दुनिया में, हम सुसमाचार से जुड़े हुए बहुत सारे धर्मविज्ञान, शिक्षा और सिध्धान्तों को देख सकते है, लेकिन में आपसे एक प्रश्न पूछना चाहता हूँ, क्या आप सच्चे सुसमाचार का अनुसरण करते है और उस पर विश्वास करते है?
    इस किताब में, मैंने इस सत्य को पाया की हमारे पाप केवल यीशु के लहू से ही साफ़ नहीं होते। १ यूहन्ना ५:६ स्पस्ट रूप से बताता है की यीशु मसीह न केवल पानी के द्वारा वरन पानी और लहू दोनोँ के द्वारा आया था।
    हम परमेश्वर के वचन को तोड़ नहीं सकते। हम सुसमाचार से यीशु के बपतिस्मा को निकाल नहीं सकते।
    यीशु के बपतिस्मा के बगैर, सुसमाचार अधूरा है। हमारे सारे पापों से साफ़ होने के लिए, हमें पानी और आत्मा के सुसमाचार पर विश्वास करना ही चाहिए जो की इस संसार में एकमात्र सच्चा सुसमाचार है और उसे छोड़ बाकी सारे सुसमाचार झूठे है।
    यहाँ तक की पौलुस भी गलातियों १:८ में कहता है, “परन्तु यदि हम, या स्वर्ग से कोई दूत भी उस सुसमाचार को छोड़ जो हमने तुम को सुनाया है, कोई और सुसमाचार तुम्हे सुनाए, तो शापित हो”!
    तथाकतित धर्मशास्त्रीओंने सुसमाचार को बदल दिया है और लोगों को विनाश की और लेकर जा रहे है।
    हमें पानी और आत्मा के सुसमाचार की ओर वापिस मुड़ने की आवश्यकता है, वह सच्चा सुसमाचार जो हमें जगत के सारे पापों से स्वतंत्र कर सकता है।

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