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विषय ८ : पवित्र आत्मा

[8-5] क्या आप पवित्र आत्मा के साथ संगती करना चाहते है? (१ यूहन्ना १:१-१०)

क्या आप पवित्र आत्मा के साथ संगती करना चाहते है?
(१ यूहन्ना १:१-१०)
“उस जीवन के वचन के विषय में जो आदि से था, जिसे हम ने सुना, और जिसे अपनी आंखों से देखा, वरन जिसे हम ने ध्यान से देखा; और हाथों से छूआ - यह जीवन प्रगट हुआ, और हम ने उसे देखा, और उस की गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं, जो पिता के साथ था, और हम पर प्रगट हुआ - जो कुछ हम ने देखा और सुना है उसका समाचार तुम्हें भी देते हैं, इसलिये कि तुम भी हमारे साथ सहभागी हो; और हमारी यह सहभागिता पिता के साथ, और उसके पुत्र यीशु मसीह के साथ है। और ये बातें हम इसलिये लिखते हैं, कि हमारा आनन्द पूरा हो जाए। जो समाचार हम ने उस से सुना, और तुम्हें सुनाते हैं, वह यह है; कि परमेश्वर ज्योति है: और उस में कुछ भी अन्धकार नहीं। यदि हम कहें, कि उसके साथ हमारी सहभागिता है, और फिर अन्धकार में चलें, तो हम झूठे हैं: और सत्य पर नहीं चलते। पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं; और उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है। यदि हम कहें, कि हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आप को धोखा देते हैं: और हम में सत्य नहीं। यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। यदि कहें कि हम ने पाप नहीं किया, तो उसे झूठा ठहराते हैं, और उसका वचन हम में नहीं है”।
 
 
पवित्र आत्मा के साथ संगती करने के लिए आवश्यक शर्त कौनसी है?
हमें सबसे पहले पानी और आत्मा के सुसमाचार को जानना होगा और विश्वास करना होगा और विश्वास के द्वारा हमारे सारे पापों को साफ़ करना होगा।

यदि आप पवित्र आत्मा के साथ संगती करना चाहते हैं, तो सबसे पहले, आपको पता होना चाहिए कि प्रभु के सामने थोड़ा सा भी पाप एसी संगती को को असंभव बना देता है। आप शायद सोचते होंगे, ‘परमेश्वर के सामने कैसे कोई इंसान बिना पाप के खड़ा रह सकता है?’ लेकिन अगर आप वास्तव में प्रभु के साथ संगति की इच्छा रखते हैं तो आपके दिल में कोई अंधेरा नहीं होना चाहिए। इसलिए, प्रभु के साथ संगति रखने के लिए, आपको यह जानना आवश्यक है कि आपको छुटकारे के सुसमाचार पर विश्वास करना चाहिए और सभी पापों से अपने आप को शुद्ध करना चाहिए।.
यदि आप वास्तव में पवित्र आत्मा के साथ संगति करना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले पानी और आत्मा के सुसमाचार को जानना और मानना चाहिए और विश्वास के द्वारा अपने पापों को शुद्ध करना चाहिए। यदि आप पानी और आत्मा के सुसमाचार को नहीं जानते हैं और इसे अपने दिल में नहीं लेते हैं, तो आपको प्रभु के साथ संगति करने के बारे में भी नहीं सोचना चाहिए। पवित्र आत्मा के साथ संगति तब ही संभव है जब आपके सभी पाप पानी और आत्मा के सुसमाचार के द्वारा आपके हृदय से दूर हो जाते हैं।
 उनके पानी और आत्मा की सच्चाई के साथ किसी के भी दिमाग से सारे पापों को शुद्ध किया जा सकता है। जब आप पानी और आत्मा के खुबसूरत सुसमाचार में विश्वास करते हैं तो प्रभु आपको पवित्र आत्मा की आशीष देता हैं। क्या आप सच में प्रभु और पवित्र आत्मा के साथ संगति करना चाहते है? फिर अपने पापों को पहचानो और अपने आप को शुद्ध करने के लिए खुबसूरत सुसमाचार पर विश्वास करो। उसके बाद आप वास्तव में प्रभु के साथ संगति कर सकते हैं।
यदि आप प्रभु के साथ संगति करना चाहते हैं, तो आपको यीशु ने यरदन में यूहन्ना से जो बपतिस्मा लिया उस पे और क्रूस पर उसके लहू में भी विश्वास करना चाहिए। यदि लोग वास्तव में पवित्र आत्मा के साथ संगति की इच्छा रखते हैं, तो उन्हें पता होना चाहिए कि पवित्र आत्मा कौन है। पवित्र आत्मा पवित्र है। और इसलिए वह केवल उन लोगों में बस सकता है जो खुबसूरत सुसमाचार में विश्वास करते हैं।
आइए हम उस व्यक्ति के एक कबूलनामे को देखें, जिसके पापों को यूहन्ना के द्वारा यीशु के बपतिस्मा और क्रूस पर उसके लहू के द्वारा साफ़ किया गया, और अब जिसके पास पवित्र आत्मा की संगती है।
 “इस दुनिया में बहुत से अलग-अलग लोग हैं और हर कोई अपने विचारों और तरीकों से जीवन जीते है। मैं उनके जैसा ही एक था। मेरे पास एक बहुत ही साधारण जीवन था और बचपन से, मैं अपनी मां के साथ कलीसिया गया और स्वाभाविक रूप से परमेश्वर में विश्वास करने लगा। मेरे पिता नास्तिक थे और मेरे विश्वास के लिए अक्सर मेरी आलोचना करते थे, लेकिन परिवार के बाकी सदस्य कलीसिया जाते थे। कलीसिया में जाना मेरे जीवन का बहुत बड़ा हिस्सा था।
हालाँकि, मेरी किशोरावस्था के दौरान, मेरे बिस्तर पर पड़े मेरे पिता को देखकर, जीवन और मृत्यु, स्वर्ग और नर्क जैसी चीजों के बारे में कई विचार मेरे पास आए। अधिकांश लोगों ने कहा कि अगर मैं परमेश्वर में विश्वास करता हूं तो मैं स्वर्ग में प्रवेश कर सकूंगा और उनका बेटा बन जाऊंगा, लेकिन मुझे इस बात पर यकीन नहीं था। मुझे कभी यकीन नहीं हुआ कि मैं उनका बेटा बन जाऊंगा। मैंने सीखा था कि अगर मैंने पृथ्वी पर अच्छा किया तो मैं स्वर्ग में प्रवेश कर सकता हूं और इसलिए मैंने जरूरतमंदों की भलाई करने की कोशिश की।
लेकिन मेरे दिल के एक तरफ, मुझे पता था कि मैंने पाप किया था। मैं दूसरों के लिए एक अच्छे व्यक्ति की तरह लग सकता था, लेकिन मैं अपने पापों के लिए दोष महसूस नहीं कर सकता। उस समय, मैंने कलीसिया में जाना और प्रार्थना करना की आदत बना ली, ‘कृपया मुझे वास्तव में अपना बेटा बनने दो। कृपया मुझे सच्चाई बताएं’। प्रार्थना करते समय, मैंने अपने दिल में एक नै उत्तेजना महसूस की। जब भी मैं उनके वचनों की शिक्षाओं को सुनता था, तब मैं वचनों को समझ नहीं पाता था और न ही देख सकता था। मैं अपने जीवन की शून्यता, अपने पाप, मृत्यु आदि से घिर गया था।
मैंने ऐसा सोचा की, ‘मैं नया जन्म पाना चाहता हूँ। अगर मैं नया जन्म पाउँगा, तो मैं ऐसे नहीं रहूंगा’। लेकिन इन विचारों के बावजूद मैं कलीसिया में बहुत कम गया और मेरे किशोरावस्था बीत गए। मुझे अब नौकरी खोजने की जरूरत थी, लेकिन यह जितना मैंने सोचा था उससे कहीं ज्यादा कठिन था। मैं और भी व्यथित था और मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन मैं मुस्कुरा नहीं पाया। ख़ुद को ख़ाली दिल से देखते हुए मैं निराशा की स्थिति में चला गया। उस समय, मैंने अपने बड़े भाई से सुसमाचार सुना।
“इसलिए, मन फिराओ और लौट आओ कि तुम्हारे पाप मिटाए जाएँ, जिससे प्रभु के सम्मुख से विश्रान्तित के दिन आएँ” (प्रेरितों ३:१९)। यह वास्तव में पानी और आत्मा का सुसमाचार था। पिछली कलीसिया की सभाओं में मैंने सीखा था कि यीशु हमारे पापों के लिए क्रूस पर मर गया था। लेकिन इस सुसमाचार ने मुझे बताया कि यीशु को हमारे पापों को दूर करने के लिए यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के द्वारा बपतिस्मा दिया गया था और क्रूस पर हमारे पापों के लिए न्याय किया गया था।
मैं जीवन भर कलीसिया गया था और मैंने परमेश्वर की संतान होने का नाटक किया था, लेकिन मैं असफल रहा था। मैंने उनके वचनों का अर्थ समझने की कोशिश की थी, लेकिन मैं असफल रहा था। हालाँकि, मैंने पानी और आत्मा के खुबसूरत सुसमाचार को सुना और उस पर विश्वास करने के बाद, मुझ में पाप और मुझे पीड़ा देने वाली सभी चीजें गायब हो गईं और मेरा दिल शांत हो गया।
मैंने सोचा था कि यदि मैं केवल उत्साह के साथ परमेश्वर में विश्वास करता और परिपूर्ण उपस्थिति के साथ कलीसिया जाता, तो मैं स्वर्ग जा सकता था। लेकिन परमेश्वर ने मुझे पानी और आत्मा का सुसमाचार भेजा और मेरे पाप क्षमा कर हो गए। उसने मुझे पवित्र आत्मा का उपहार दिया। इससे पहले कि मैं उसका छूटकारा प्राप्त करता, मुझे पवित्र आत्मा के बारे में और अन्य भाषा बोलने के बारे में नहीं पता था। मैं सिर्फ कलीसिया जाता था और यह विश्वास करता था कि अगर मैं ईमानदारी से रहूँगा और अपने कलीसिया की सेवा करूंगा, तो परमेश्वर मुझे आशीष देगा। लेकिन मुझे एहसास हुआ कि मैं पवित्र आत्मा को तभी प्राप्त कर सकता हूं जब मेरे पापों को पानी और आत्मा के खुबसूरत सुसमाचार के द्वारा माफ़ किया जाएगा।
मेरे पिछले जीवन में, परमेश्वर पर विश्वास करने के बावजूद भी में पापी था। और पवित्र आत्मा पाने के महत्त्व को जाने बिना गुनगुना जीवन जी रहा था। लेकिन उसके सेवक के द्वारा, जिसने बाइबल के अनुसार खुबसूरत सुसमाचार का प्रचार किया, मुझे विश्वास हुआ और मुझे पता चला कि पवित्र आत्मा मेरे अन्दर भी था।
छूटकारा प्राप्त करने के बाद, सबसे पहले मैं आश्वस्त नहीं हो सकता कि पवित्र आत्मा मुझमें है या नहीं। लेकिन मैंने लगातार उनके वचनों का अध्ययन किया और यह महसूस किया कि मेरे दिल में एक नया विश्वास विक्सित हो रहा था और इस तरह मुझे पवित्र आत्मा का अंतर्निवास मिला। अब यह सच है, और मुझे विश्वास है कि पवित्र आत्मा मुझ में बसता है! जब उसने मेरे पापों को क्षमा कर दिया, तब में जानता था की केवल वाही परमेश्वर की सनातन बन सकते है और पवित्र आत्मा पा सकते है जो पाप मुक्त है।
मुझे यह भी पता था कि उनकी द्रष्टि में सम्पूर्ण दिखने या सम्पूर्ण जीने की मेरी कोशिश कभी भी मुझे पवित्र आत्मा को प्राप्त करने की अनुमति नहीं देती। परमेश्वर उन लोगों के पास आता है जो जानते हैं कि वे पापी हैं और फिर भी यह नहीं जानते कि क्या करना है। वह उन लोगों से मिलता है जो उत्सुकता से उसकी तलाश करते हैं और उसकी जरूरत होती है।
उसने मुझे यह दिखाया कि अच्छा करने और परमेश्वर पर विश्वास करने के साथ लापरवाह परित्याग करने से मुझे स्वर्ग नहीं मिलेगा और इसलिए यीशु मसीह इस संसार में आए और मुझे पानी और आत्मा के खुबसूरत सुसमाचार के द्वारा मेरे पापों से बचाएगा। उन्होंने मुझे हमेशा के लिए मेरे भीतर रहने के लिए पवित्र आत्मा दिया।
मैं परमेश्वर का धन्यवाद करता हूँ की उसने मुझे अपनी संतान बनाया और मुझे पवित्र आत्मा के अंतर्निवास से आशीषित किया। यदि यह प्रभु के लिए नहीं होता, तो आज भी मेरे दिल में पाप होता और नर्क में एक आजीवन कारावास के लिए नियोजित होता।
इसी तरह, पहले मैं केवल क्रूस पर उसके लहू में विश्वास करता था और पवित्र आत्मा को प्राप्त नहीं कर सकता था, भले ही मैं पाना चाहता था। उस समय, मैंने यीशु पर विश्वास किया, लेकिन मेरे दिल में पाप था जो मुझे पवित्र आत्मा को प्राप्त करने से रोकता था। एक पापी अपने दिल में पवित्र आत्मा प्राप्त नहीं कर सकता है। लेकिन फिर भी, कई पापी अपने दिल में पाप होने के बावजूद भी पवित्र आत्मा को प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।
यदि आप वास्तव में पवित्र आत्मा को प्राप्त करना चाहते हैं और उसके साथ संगति करना चाहते हैं, तो आपको पानी और आत्मा के खुबसूरत सुसमाचार पर विश्वास करने और छूटकारा प्राप्त करने की आवश्यकता है। क्या आप अभी भी पापी हैं? फिर आप उन लोगों से सच्चा सुसमाचार सुन सकते हैं जिन्होंने पहले ही पवित्र आत्मा प्राप्त कर लिया है। पवित्र आत्मा के साथ संगति की इच्छा रखने वालों को पानी और आत्मा के खुबसूरत सुसमाचार में एक प्यासा दिल और विश्वास होना चाहिए।
कलीसिया के द्वारा केवल धर्मी लोग पवित्र आत्मा के शब्दों को सुन सकते हैं। वे खुबसूरत सुसमाचार सुनकर अपना वफादार जीवन जी सकते हैं, लेकिन पापी कभी भी सुसमाचार सुने बिना नर्क के लिए नियोजित अपने शापित जीवन जीते हैं।
इसलिए, आपको पानी और आत्मा के सुसमाचार के बारे में सीखना चाहिए। आपको इस सुसमाचार पर विश्वास करने की आवश्यकता क्यों है? आपके लिए यह आवश्यक है कि आप व्यवस्था के धर्म से बच सकें और परमेश्वर के वचनों के आधार पर खुबसूरत सुसमाचार में अपना विश्वास बनाएँ। यीशु के शिष्यों ने इस खुबसूरत सुसमाचार का अनुसरण किया और अब यह उन लोगों का है जिन्होंने पवित्र आत्मा को प्राप्त किया है। पानी और आत्मा का खुबसूरत सुसमाचार ठीक वैसा ही है जैसा कि प्रारम्भिक कलीसिया की शुरुआत में प्रेरितों के पास था। सभी मसीहियों को पवित्र आत्मा प्राप्त करना चाहिए। तभी वे परमेश्वर की संतान बन सकते हैं।
जो लोग अभी भी पानी और आत्मा के खुबसूरत सुसमाचार में विश्वास नहीं करते हैं उनके दिलों में अभी भी पाप होना चाहिए। पवित्र आत्मा के साथ उनकी संगति नहीं हो सकती। उसके साथ संगति रखने के लिए, उन्हें सबसे पहले पानी और आत्मा के उस सुसमाचार पर विश्वास करना होगा जो परमेश्वर ने उन्हें दिया और पवित्र आत्मा को पाना होगा।
 
 

बाइबल बार बार पवित्र आत्मा का उल्लेख कराती है

 
यीशु के पुनरुत्थान के बाद पवित्र आत्मा का अंतर्निवास शुरू हुआ। अब उद्धार का दिन है और अब उनकी असीम कृपा का समय है। लेकिन यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है अगर हम पानी और आत्मा के सुसमाचार को प्राप्त नहीं करते हैं और यदि हम पवित्र आत्मा के साथ संगति के बिना जीवन जीते हैं।
क्या आपके पास पवित्र आत्मा के साथ संगति है? क्या आपके पाप आपको पवित्र आत्मा के साथ संगति करने से रोकते है? फिर पानी और आत्मा के सुसमाचार के बारे में सीखे जो परमेश्वर ने आप को दिया था और उस पर विश्वास करे। यदि आप पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास करते हैं, तो पवित्र आत्मा आपके हृदय में निवास करेगा और आपका साथी होगा। पवित्र आत्मा केवल उन लोगों के दिलों में बसता है जो पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास करते हैं। पवित्र आत्मा अक्सर धर्मी लोगों के दिल में उनकी इच्छा को प्रकट करता है। पवित्र आत्मा के साथ पौलुस की सेवकाई खुबसूरत सुसमाचार फैलाना था।
आप किसी को कैसे पहचान सकते हैं जिसने पवित्र आत्मा प्राप्त किया है? मापदण्ड क्या है? मापदण्ड यह है कि वह पानी और आत्मा के खुबसूरत सुसमाचार में विश्वास करता है या नहीं। यदि व्यक्ति पानी और आत्मा के खुबसूरत सुसमाचार को जानता है और मानता है, तो वह एक ऐसा व्यक्ति है जिसके पास पवित्र आत्मा का अंतर्निवास है।
पवित्र आत्मा उन लोगों में नहीं है जो खुबसूरत सुसमाचार में विश्वास नहीं करते हैं। पवित्र आत्मा केवल उन लोगों में बसता है जो पाप की क्षमा में विश्वास करते हैं जो यूहन्ना के द्वारा यीशु के बपतिस्मा और क्रोस पर के उसके लहू से मिलती है। क्या आप पवित्र आत्मा के साथ संगति करना चाहते हैं?
क्या आप जानते हैं कि पवित्र आत्मा पाने के लिए और उसके साथ संगती करने के लिएम आपको किस तरह के सुसमाचार को समझने की ज़रूरत है? खुबसूरत सुसमाचार केवल यूहन्ना के द्वारा यीशु के बपतिस्मा और क्रूस पर उसके लहू में पाया जाता है। यदि आप पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास नहीं करते हैं, तो आपके पापों को क्षमा नहीं किया जा सकता है और इसलिए पवित्र आत्मा आप में निवास नहीं कर सकता। पवित्र आत्मा मांग करता है कि लोगों को उसे प्राप्त करने के लिए पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास करना चाहिए।
पवित्र आत्मा पापियों के दिलों में नहीं बस सकता। यदि आप पवित्र आत्मा को प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले अपने सभी पापों को शुद्ध करने के लिए खुबसूरत सुसमाचार में विश्वास करना चाहिए। साथ ही, यदि आप पवित्र आत्मा के साथ संगति करना चाहते हैं, तो आपको खुबसूरत सुसमाचार के प्रचार में विश्वासयोग्य होना चाहिए। यदि आप पवित्र आत्मा का नेतृत्व पाना चाहते है, तो आपको हमेशा खुबसूरत सुसमाचार से प्यार करना चाहिए और जहाँ भी आप जाए वहा इसे फैलाने का प्रयास करना चाहिए। पवित्र आत्मा उन लोगों के साथ है जो पानी और आत्मा के सुसमाचार का प्रचार करते हैं।
पवित्र आत्मा का अंतर्निवास केवल धर्मी लोगों को दिया जाता है, जो खुबसूरत सुसमाचार में विश्वास करते हैं। केवल धर्मी, जो खुबसूरत सुसमाचार में विश्वास करते हैं, वे ही पवित्र आत्मा के साथ संगती कर सकते है। वह पवित्र सुसमाचार, जिसे पवित्र आत्मा स्वीकार करता है, वह सुसमाचार है जो यूहन्ना के द्वारा यीशु के बपतिस्मा और क्रूस पर उसके लहू के द्वारा पोरा किया गया है (१ यूहन्ना ५:३-७)।
पतरस ने भी खुबसूरत सुसमाचार पर विश्वास किया और कहा, “उसी पानी का दृष्टांत भी, अर्थात बपतिस्मा, यीशु मसीह के जी उठाने के द्वारा, अब तुम्हें बचाता है; इससे शरीर का मेल दूर करने का अर्थ नहीं है, परन्तु शुध्ध विवेक से परमेश्वर के वश में हो जाने का अर्थ है” (१ पतरस ३:२१)। बाइबल में, "पानो" अक्सर उस बपतिस्मे के लिए दर्शाया गया है जो यीशु ने यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से प्राप्त किया था।
जो पवित्र आत्मा को प्राप्त करने में सक्षम हैं उन्होंने खुबसूरत सुसमाचार के द्वारा छूटकारा प्राप्त किया है और सभी पापों से मुक्त हैं। जो लोग खुबसूरत सुसमाचार में विश्वास करते हैं, वे आत्मा की अगुवाई में आत्मा और सत्य से पिता की आराधना कर सकते हैं (यूहन्ना ४:२३)। पवित्र आत्मा धर्मी लोगों को पवित्र आत्मा से भरा जीवन जीने में मदद करता है। जिन लोगों के पास पवित्र आत्मा का अंतर्निवास है वे हमेशा प्रभु की स्तुति कर सकते हैं। पवित्र आत्मा वादा करता है कि हम परमेश्वर की संतान हैं। हम हमेशा पानी और आत्मा के सुसमाचार के भीतर और पवित्र आत्मा के भीतर रह सकते हैं।
 
 

पवित्र आत्मा उनके साथ संगती नहीं करता जो खुद को धोखा देते है

 
पवित्र आत्मा १ यूहन्ना १:८ में पापियों से कहता है, “यदि हम कहते हैं कि हमारे पास कोई पाप नहीं है, तो हम स्वयं को धोखा देते हैं, और सत्य हम में नहीं है।” पवित्र आत्मा उन लोगों में नहीं रह सकता है जो स्वयं को धोखा देते हैं। पवित्र आत्मा पापियों को फटकार लगाते हुए कहता है, "तुम यीशु के बपतिस्मे और उसके लहू से संपन्न खुबसूरत सुसमाचार में विश्वास क्यों नहीं करते?"
हम एक नया जन्म पाए हुए मसीही के अंगीकार पर गौर करेंगे जो पहले विश्वास करता था कि उसने यीशु के बपतिस्मा और उसके लहू के सबूत के बिना पवित्र आत्मा प्राप्त किया था। यह व्यक्ति अब पानी और लहू के सुसमाचार में विश्वास करता है और पवित्र आत्मा को प्राप्त कर चुका है। यहाँ, हमें ठीक तरह से दर्शाना है की पवित्र आत्मा किसके अन्दर निवास करता है।
 जब मैंने इस दुनिया में अपने अस्तित्व का कारण महसूस किया तो परमेश्वर मेरे दिल में रहने लगे। खुद को देखते हुए, मुझे लगता है कि इस क्रूर दुनिया में रहने के लिए मेरी कर्तव्यपरायणता परमेश्वर की लालसा के रूप में सामने आई। मैंने परमेश्वर की खोज नहीं की, लेकिन स्वाभाविक रूप से स्वीकार कर लिया क्योंकि वह दिखाई नहीं देता, लेकिन वह यहाँ है। बेशक, मैंने अपने आप से पूछा, क्या वह वास्तव में वहाँ है?’ लेकिन यहां तक कि इसके बारे में सोचाने ने मुझे दृढ़ता से विश्वास दिलाया है कि वह सभी का निर्माता है।
जिन लोगों ने परमेश्वर को अस्वीकार कर दिया, वे मूर्ख लग रहे थे, फिर भी कुछ मायनों में मुझसे अधिक शक्तिशाली थे। उन्हें लग रहा था कि वे अपने दम पर कुछ भी कर सकते हैं और दूसरी तरफ मैं एक कमजोर मूर्ख की तरह लग रहा था। लेकिन क्योंकि मुझे मृत्यु के बाद के जीवन की आशा थी, मैंने परमेश्वर को और भी अधिक सम्मान के साथ देखा। मैंने सोचा कि क्या स्वर्ग मेरे जैसे लोगों के लिए जगह है जो महसूस करते हैं कि उनके पास हमेशा कमी है। और उस प्रश्न ने मुझे स्वर्ग के लिए और अधिक ईमानदार बनाया।
मेरे माता-पिता धर्म वाले लोगों की ओर देखते थे और मेरे भाई-बहन बिना किसी भक्ति के कलीसिया जाते थे। उन्हें लगा कि कलीसिया के प्रति मेरी श्रद्धा जल्द ही मर जाएगी, इसलिए उन्होंने मुझे तब तक कलीसिया जाने से नहीं रोका, जब तक मैं मिडिल स्कूल में नहीं आया। इसलिए मैं कलीसिया से कलीसिया गया और अंत में अपने घर के पास एक छोटे से कलीसिया में जाना शुरू किया जब तक कि मैं कॉलेज में नहीं आया।
मेरे इस कलीसिया में जाने का कारण यह था कि इसने सुसमाचार पर ज़ोर दिया। कलीसिया का पादरी एक इवेंजलिक प्रचारक था, जिसने स्पष्ट रूप से ऐसा कुछ नहीं किया जो बाइबल के शब्दों का उल्लंघन करता हो। जब मुझे अपनी पढाई पर जोर दिया गया तब भी मेरे पास धार्मिक जीवन का नेतृत्व करने के लिए ईमानदारी से कारण थे।
कारण यह था कि जब लोग मेरे साथी कलीसिया के सदस्यों को गैर मसीही कहते थे, तो मुझे विश्वास था कि मेरा कलीसिया सही था और मैं निश्चित था कि मैं स्वर्ग जाऊंगा। यह निश्चितता सुसमाचार पर आधारित थी। उन्होंने कहा कि पापी स्वर्ग के द्वार में प्रवेश नहीं कर सकते हैं, लेकिन अन्य चर्चों के लोगों ने भी कहा कि उनके दिल पाप से भरे हुए हैं। मैं कलीसिया में जाने से पहले यह भी मानता था कि मेरे कलीसिया के लोग पापी थे, इसलिए इस आलोचना के बारे में मैंने ज्यादा नहीं सोचा।
लेकिन वे तथाकथित इवेंजलिकल रिवाइवलिस्ट अतीत में मेरे अनुभव से अलग थे। उन्होंने कहा कि यदि हम यीशु पर सही तरीके से विश्वास करे, तो हम पापरहित बनेंगे। और जो पापी हैं वे ही स्वर्ग जा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यीशु ने हमें क्रूस पर न्याय दिलाया और इसलिए हम पापी नहीं बल्कि धर्मी है। मुझे पहले इस पर विश्वास नहीं था, लेकिन जब मैंने इसके बारे में सोचा, तो यह समझ में आया। मैं छोटा था, और मुझे लगता था कि अगर मैं स्वर्ग जाना चाहता हूं, तो परमेश्वर मुझे केवल तभी जाने देंगे जब मैं पापरहित बनूंगा, क्योंकि परमेश्वर पाप को तुच्छ समझता है।
मेरी तुलना में इस कलीसिया की अलग-अलग मान्यताएँ थीं, और आराधना की विधि भी कुछ अलग थी। लेकिन क्योंकि स्वर्ग एक ऐसी जगह है जहाँ केवल कुछ गिने-चुने लोग ही प्रवेश कर सकते हैं, ऐसा लगता था कि इस कलीसिया में लोगों ने सही विश्वास को अपनाया था। क्योंकि कलीसिया ने यीशु के शरीर और लहू पर जोर दिया, इसलिए हर रविवार को हमने रोटी और दाखरस का सेवन किया। क्योंकि यह समारोह बाइबल के शब्दों पर आधारित था, इसलिए मैंने इसे स्वीकार कर लिया। लेकिन मुझे बाद में पता चला कि लोगों ने इसके सही अर्थ को समझे बिना ही विधि में भाग लिया।
मेरा मानना था कि पवित्र आत्मा विश्वासियों के दिलों में और धर्मी लोगों के दिलों में रहता है और उन्होंने उनकी सभी प्रार्थनाओं को सुना है। इसलिए मुझे विश्वास था कि पवित्र आत्मा मुझ में रहता है है। मुझे इतना यकीन था कि परमेश्वर मेरा साथी था और मुझे उस सुसमाचार पर कभी संदेह नहीं था, जिस पर मुझे विश्वास था। जब मैं कठिन दौर से गुज़र रहा था, तो मैंने परमेश्वर से बात की जैसे वह ठीक मेरे बगल में हो। मुझे विश्वास था कि उसने मेरी बात सुनी जब मैंने उसे ऐसी बातें बताईं जो मैं किसी और को नहीं बता सकता था। इसलिए मैंने उस पर भरोसा किया और उस पर निर्भर रहा।
मैं उन लोगों को समझ नहीं सका, जो अन्य भाषा में बोलने के लिए जागृति की सभा में गए थे और मैं उन लोगों पर हंसा जो उपवास प्रार्थना किम सभाओं में शामिल हुए थे। ऐसे प्रयासों को देखकर मैंने सोचा कि, वे पवित्र आत्मा को प्राप्त करने के लिए इस तरह के निरर्थक प्रयास से क्यों गुजरते हैं? पवित्र आत्मा उन पर तभी आता है जब वे पापरहित होते हैं और हमेशा उनके साथ रहता हैं। उन्हें पापी होना चाहिए। उनके सारे प्रयासों के बाद भी वह उन पर नहीं आया। `मुझे उन पर दया आई। मुझे लगा कि वे कितने मूर्ख हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए, मुझे लगा कि सुसमाचार में मेरा विश्वास सबसे अच्छा था और दूसरों का विश्वास सब झूठ था।
मेरा घमंडी दिल अपने चरम पर पहुँच गया। १० साल तक मैंने खुद अपने धार्मिक जीवन का नेतृत्व किया। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया मेरे दिमाग में और मेरे दिल में सवाल उठने लगे। मैंने सोचा, मैं क्रूस पर लहू के सुसमाचार के कारण पाप रहित हूं, लेकिन क्या अन्य सभी विश्वासी भी पापरहित हैं? क्या वे वास्तव में इस सुसमाचार पर भी विश्वास करते हैं? `मुझे नहीं पता कि मैंने ये प्रश्न पूछना क्यों शुरू किया। सवाल सिर्फ मेरे दिमाग में आए और मैं किसी से पूछ नहीं पाया। यह एक व्यक्तिगत विश्वास था और इसका उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए। और यह किसी और से पूछने के लिए एक भद्दा सवाल होता।
लेकिन मैंने खुद से ये सवाल पूछना शुरू कर दिया। जब मैं कॉलेज में था, तब मैंने ऐसे काम करना शुरू कर दिया, जो धार्मिक उपदेशों तक सीमित रहते थे और मेरा दिल इतना अन्धकार से भर गया कि मेरा विश्वास कम होने लगा था। मुझे अब अपने विश्वास पर यकीन नहीं था। ‘क्या मैं खुद को धर्मी कह सकता हूँ? क्या यीशु ने वास्तव में मुझे मेरे सभी पापों से मुक्त कर दिया है?’ इन सारी उलझन के बीच, मैंने खुद को क्रूस के सुसमाचार के बारे में सोचने के लिए मजबूर किया और मैंने इसके साथ खुद का दिमाग लगाया। लेकिन जितना अधिक मैंने खुद पर दबाव डाला, उतना ही मैं खो गया, और मैं अब कलीसिया की सेवा में शामिल नहीं हो पाया। मैंने अपने क्लब की गतिविधियों को एक बहाने के रूप में इस्तेमाल किया।
सभी भ्रम और अराजकता के बीच, मैं आखिरकार सच्चाई से मिला। मैंने पानी और आत्मा के सुसमाचार के बारे में सुना और यह मेरे लिए बिजली के झटके की तरह आया। प्रभाव इतना शानदार था कि मुझे रोने जैसा महसूस हुआ। लेकिन सुसमाचार को सुनते हुए, मुझे यह मानना पड़ा कि जो कुछ भी मैंने विश्वास किया था वह सब गलत था।
मैं अपने पापों को यीशु के ऊपर नहीं डाला था। मुझे विश्वास था कि उसने मेरे पापों को दूर कर लिया था और मैं एक पापरहित व्यक्ति था, लेकिन ऐसा नहीं था। यीशु बपतिस्मा लेने के लिए इस दुनिया में क्यों आया? क्योंकि वह हमें दिखाना चाहता था वह एक भेड़ के बच्चे के जैसा नम्र है? या फिर यह साबित करने के लिए कि वह एक मनुष्य के रूप में आया था? या अपने अनिवार्य मृत्यु की भविष्यवाणी करने? मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि बपतिस्मा का जो भी अस्पष्ट ज्ञान मेरे पास था, उसका इतना महत्व था। सच्चाई यह थी कि यीशु को सारी मनुष्यजाति के प्रतिनिधि यूहन्ना द्वारा बपतिस्मा दिया गया था, और उस बपतिस्मा के साथ, हमारे सारे पापों को उसके ऊपर डाले गए थे।
`ओह! यही कारण है कि यीशु परमेश्वर का मेम्ना बन गया जिसने हमारे सारे पापों को अपने ऊपर उठा लिया!’ अब सब कुछ समझ में आया। ‘यीशु को क्रूस पर मेरे पापों के लिए न्याय दिया गया था। इसलिए मैं अपने हृदय में पाप रहित हूं’। जिस क्षण मुझे पानी (यीशु का बपतिस्मा), लहू (क्रूस), और पवित्र आत्मा (यीशु परमेश्वर है) के बारे में पता चला, तब मैंने महसूस किया की मेरे हृदय के पाप गायब हो गए है।
अब मैं वास्तव में एक पापरहित और धर्मी व्यक्ति हूँ और पवित्र आत्मा मेरे दिल में बसता है। क्रूस में मेरा जो विश्वास था, वह मेरे दिल में मौजूद पापों को दूर करने के लिए पर्याप्त नहीं था। यदि आपको यह पता नहीं है कि आपके पाप यीशु पर कैसे डाले गए थे, तो आपके पाप माफ़ नहीं किए जा सकते, और पवित्र आत्मा आप के अन्दर निवास नहीं कर सकता। मैं प्रभु को धन्यवाद देता हूं। मैं खुबसूरत सुसमाचार के माध्यम से पवित्र आत्मा को प्राप्त करने में सक्षम था।
बिना किसी प्रयास के, मुझे पानी और आत्मा के सुसमाचार के द्वारा क्षमा किया गया और पवित्र आत्मा मुझमें हमेशा के लिए बस गया। अब, मैं गर्व से खुद को एक पापरहित आदमी कह सकता हूं और गर्व कर सकता हूं कि स्वर्ग का राज्य मेरा है। मैं बिना किसी खर्च के मुझे ऐसा आशीष देने के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करने का अवसर लेता हूँ। हाल्लेलुयाह!”
जो लोग पवित्र आत्मा को प्राप्त करते हैं, वे कह सकते हैं कि वे परमेश्वर की उपस्थिति में पाप रहित हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप यीशु पर कितने समय से विश्वास करते हैं, यदि आप उस खुबसूरत सुसमाचार पर विश्वास नहीं करते हैं जो परमेश्वर ने हमें दिया है, तो निश्चित रूप से आपके दिल में पाप है। उस तरह के लोग खुद को और परमेश्वर को भी धोखा दे रहे हैं। ये लोग कभी प्रभु से नहीं मिले। अगर कोई पापी पवित्र आत्मा के साथ संगति रखना चाहता है, तो उसे पहले खुद को धोखा देना बंद कर देना चाहिए और स्वीकार करना चाहिए कि उसने पाप किया है। तभी वह पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास करने के लिए योग्य बनेगा। जो लोग इस खूबसूरत सुसमाचार को मानते हैं वे पवित्र आत्मा को प्राप्त करने के योग्य हैं।
पापियों को पवित्र आत्मा क्या कहता है? वह उन्हें यीशु के बपतिस्मा और उनके लहू से संपन्न खुबसूरत सुसमाचार पर विश्वास करके अपने पापों के लिए क्षमा प्राप्त करने की सलाह देता है। यदि आप पाप करने के बावजूद भी कहते है कि आप पापी नहीं है, तो आप कभी भी पवित्र आत्मा को प्राप्त नहीं करेंगे। जो लोग खुबसूरत सुसमाचार में विश्वास नहीं करते हैं और कहते हैं कि उन्होंने पाप नहीं किया वे परमेश्वर और खुद दोनों को धोखा देते है। पापियों को पानी और आत्मा के खुबसूरत सुसमाचार को जानना चाहिए और पवित्र आत्मा को प्राप्त करना चाहिए। तभी वे परमेश्वर के गंभीर फैसले से बचेंगे।
 
 

धर्मी आपने पापों को कबूल करके पवित्र आत्मा से संगती कर सकता है

 
मैं उन लोगों से बात करता हूं जो पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास करते हैं और इस प्रकार, पवित्र आत्मा को प्राप्त किया है। आइए हम देखें कि परमेश्वर ने धर्मियों को क्या बताया है। १ यूहन्ना १:९ में कहा गया है, “यदि हम अपने पापों को स्वीकार करते हैं, तो वह विश्वासयोग्य है और हमें हमारे पापों को क्षमा करने के लिए और हमें सभी पापों से मुक्त करने के लिए है।” इस वचन का मतलब है कि हम खुद को खुबसूरत सुसमाचार जो कहता है की जब यीशु ने बपतिस्मा लिया तब उसने हमारे सारे पापों को ले लिया और क्रूस पर चढ़ने के द्वारा उसका प्रायश्चित किया इसे याद दिलाकर और विश्वास करके अपने गंदे दिल से पापों को साफ़ कर सकता हूँ। धर्मी लोगों को परमेश्वर के सामने अपने वास्तविक पापों को स्वीकार करने की आवश्यकता है। तभी वे पवित्र आत्मा के साथ संगति कर सकते है। धर्मी को अपने वास्तविक पापों को स्वीकार करना चाहिए और खुबसूरत सुसमाचार में विश्वास करना जारी रखना चाहिए।
बहुत पहले, यीशु के बपतिस्मा और उनके लहू के खुबसूरत सुसमाचार ने हमारे सभी पापों को साफ कर दिया था और इसलिए, धर्मी को इस सुसमाचार पर विश्वास करना चाहिए और उनके सभी पापों से मुक्त होना चाहिए। धर्मी को अपने पापों से मुक्त होने के लिए खुबसूरत सुसमाचार पर विश्वास करना चाहिए। धर्मी लोग पानी और आत्मा के खुबसूरत सुसमाचार में विश्वास करके अपने दिल को शुद्ध कर सकते हैं जब वे अपने वास्तविक पापों से प्रदूषित होते हैं।
हमारे परमेश्वर अपने बपतिस्मा और अपने लहू से धर्मी के सारे पापों को साफ़ कर दिया था। इसलिए, जो लोग विश्वास करते हैं वे वास्तव में अपने सभी पापों से मुक्त हैं। हालाँकि, धर्मी लोगों को परमेश्वर की उपस्थिति में अपने पापों को स्वीकार करना चाहिए। और फिर धर्मी को यीशु के बपतिस्मा और उसके लहू में विश्वास पर वापस लौटना चाहिए, जिसने उनके सारे पापों से उनको मुक्त करने के लिए, सुंदर सुसमाचार की रचना की। इसलिए, वे हमेशा पवित्र आत्मा के साथ एक नए जीवन का नेतृत्व कर सकते हैं। जो लोग अपनी कमजोरी के बारे में चिंता किए बिना प्रभु को देख सकते हैं, वह परमेश्वर के साथ संगती कर सकते है पानी और आत्मा के खुबसूरत सुसमाचार को धन्यवाद।
 
 
हम पवित्र आत्मा के साथ संगती का सच्चा अनुभव कब पा सकते है?
 
ऐसे कई लोग हैं जो पवित्र आत्मा के साथ संगति की इच्छा रखते हैं। लेकिन वे यीशु पर विश्वास करने के बावजूद भी यह नहीं जानते कि इस इच्छा को कैसे सच किया जाए। सभी लोग पानी और आत्मा के सुसमाचार पर विश्वास करके पवित्र आत्मा को प्राप्त करना चाहते हैं और उस समय से पवित्र आत्मा के साथ संगति रखना शुरू करते हैं।
इसी तरह, एक धर्मी व्यक्ति को पवित्र आत्मा के साथ संगति करने के लिए केवल एक ही रास्ता है और वह है पानी और आत्मा के सुसमाचार के सच को जनाना और मानना। धर्मी और पवित्र आत्मा के बीच संगति को सच्चे सुसमाचार के बिना प्राप्त नहीं किया जा सकता है। पवित्र आत्मा के साथ संगति के बारे में क्या? यह केवल खुबसूरत सुसमाचार की सच्चाई पर विश्वास करके ही संभव है।
 
 
परमेश्वर कहता है की मनुष्य जीवन भर पाप करता है
 
१ यूहन्ना १:१०, यह कहता है, “यदि कहें कि हम ने पाप नहीं किया, तो उसे झूठा ठहराते हैं, और उसका वचन हम में नहीं है”। ऐसा कोई नहीं होगा जिसने परमेश्वर के सामने पाप न किया हो। बाइबल यह भी कहती है,“नि:सन्देह पृथ्वी पर कोई ऐसा धर्मी मनुष्य नहीं जो भलाई ही करे और जिस से पाप न हुआ हो” (सभोपदेशक ७:२०)। सभी मनुष्य परमेश्वर के सामने पाप करते हैं। अगर कोई कहता है कि उसने पाप नहीं किया है, तो वह झूठा है। लोग अपने मरने के समय तक जीवन भर पाप करते हैं और यही कारण है कि यीशु को यूहन्ना से सारे पापों को उठाने के लिए बपतिस्मा दिया गया था। यदि हम पाप नहीं करते, तो हमें अपने उद्धारकर्ता के रूप में परमेश्वर पर विश्वास करने की आवश्यकता नहीं होती।
प्रभु उन लोगों से कहते है जो कहते है की मैंने पाप नहीं किया, “मेरा वचन तुममें नहीं है”। यदि किसी व्यक्ति को पानी और आत्मा के खुबसूरत सुसमाचार में विश्वास नहीं है, तो वह विनाश का हकदार है। यदि कोई धर्मी व्यक्ति या पापी कहता है कि उसने परमेश्वर की उपस्थिति में पाप नहीं किया है, तो वह खुबसूरत सुसमाचार में विश्वास करने के योग्य नहीं है।
प्रभु ने सभी को खुबसूरत सुसमाचार का अद्भुत उपहार दिया है। हमने अपने सभी पापों को स्वीकार किया और खुबसूरत सुसमाचार के साथ पापों की क्षमा प्राप्त करने के लिए पश्चाताप किया। हम उस खुबसूरत सुसमाचार की ओर वापस आ सकते हैं जिसे परमेश्वर ने हमारे पापों के लिए क्षमा के रूप में दिया था और पवित्र आत्मा के साथ संगति रखने के लिए उस पर विश्वास कर सकते है। पवित्र आत्मा के साथ संगति का एक सच्चा अर्थ पानी और आत्मा के सुसमाचार में है, और केवल वे लोग परमेश्वर के साथ संगती कर सकते है जिनके पास पानी और आत्मा का सुसमाचार है।
आदम और हव्वा से विरासत में मिले पापों के कारण मनुष्यजाति परमेश्वर से बहुत दूर थी। लेकिन अब हम, जिन्हें पाप का बीज विरासत में मिला है, वे फिर से परमेश्वर के साथ संगति करने की आशा कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए, हमें यीशु मसीह के पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास पर वापस लौटना चाहिए और जिन पापों ने हमें परमेश्वर से इतना दूर कर दिया था उसके लिए माफ़ी पानी चाहिए।
जो लोग खुबसूरत सुसमाचार में विश्वास करते हैं वे अपने सभी पापों से बच जाएंगे और परमेश्वर उन्हें पवित्र आत्मा से भर देगा। धर्मियों की संगती परमेश्वर के साथ हो सकती है, क्योंकि उन्हें पवित्र आत्मा प्राप्त हुआ है। इसलिए, जो लोग अपने पापों के कारण परमेश्वर से दूर चले गए हैं, उन्हें पानी और आत्मा के खुबसूरत सुसमाचार पर वापस लौटना चाहिए और उस पर विश्वास करना चाहिए। तभी वे उनके साथ सच्ची संगति करना शुरू कर सकते हैं।
पवित्र आत्मा का अंतर्निवास खुबसूरत सुसमाचार में विश्वास के साथ आता है। हमें पता होना चाहिए कि पवित्र आत्मा का अंतर्निवास पानी और आत्मा के सुसमाचार पर विश्वास करने के द्वारा ही होता है। खुबसूरत सुसमाचार में विश्वास करने से परमेश्वर की ओर एक नया मार्ग तैयार हुआ। परमेश्वर ने बीच की दीवार को तोड़ दिया जिसने हमें मूल पाप और वास्तविक पापों के कारण उससे अलग कर दिया, और हमें पानी और आत्मा के खुबसूरत सुसमाचार में हमारे विश्वास के द्वारा परमेश्वर के साथ संगति करने की अनुमति दी।
हमें एक बार फिर पवित्र आत्मा के साथ संगति स्थापित करनी चाहिए। पवित्र आत्मा के साथ सच्ची संगति, पानी और आत्मा के सुसमाचार को समझने के द्वारा मिलती है। पवित्र आत्मा के साथ संगती तब होती है जब हमें इस तथ्य पर विश्वास होता है कि हमारे पापों की माफी खुबसूरत सुसमाचार से आती है। जिन लोगों को अपने पापों के लिए माफी नहीं मिली है, वे पवित्र आत्मा के साथ संगती नहीं कर सकते है। दूसरे शब्दों में, कोई भी पानी और आत्मा के सुसमाचार पर विश्वास किए बिना पवित्र आत्मा के साथ संगति नहीं कर सकता।
यदि आपके लिए पवित्र आत्मा के साथ संगति करना कठिन है, तो आपको पहले यह स्वीकार करना चाहिए कि आप पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास नहीं करते हैं और आपके पापों को क्षमा नहीं किया गया है। क्या आप पवित्र आत्मा के साथ संगति करना चाहते हैं? तो फिर उस सुसमाचार पर विश्वास करें जो यीशु के बपतिस्मा और उसके लहू के माध्यम से पूरा हुआ था। तभी आपको अपने सभी पापों के लिए माफ़ किया जाएगा और एक इनाम के रूप में आपके दिल में पवित्र आत्मा प्राप्त होगा। यह खुबसूरत सुसमाचार निश्चित रूप से आपको पवित्र आत्मा के साथ संगति प्रदान कर सकता है।
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