Due to COVID-19 and disruption to international mail service we have temporally suspended our ‘Free Print Book service’.
In the light of this situation we are not able to mail you the books at this time. Pray that this pandemic will end soon and the resumption of the postal service.
Subject 1: Being born again of water and the Spirit
1-10. क्यों यीशु ने क्रूस पर अपना बलिदान दिया?
यीशु का बलिदान हमारे पापों के लिए था जो उसने अपने बपतिस्मा के द्वारा ले लिए थे. उसने हमारे पापों का मूल्य चुकाने के लिए हमें अपना शरीर दिया जिससे हम अपने पापों की सज़ा से मुक्त हो सके. हमें यह जानना है की हमारे सारे पाप उठाने के लिए यीशु ने यरदन में बपतिस्मा लिया. हमें विश्वास करना है की यीशु क्रूस पर मरा. यदि यीशु ने क्रूस पर चढ़ने से पहले बपतिस्मा लिए बिना ही मर गया होता, तो हमारे सारे पाप वैसे की वैसे ही रहते. इसलिए, हमें यीशु के बपतिस्मा और लहू दोनों में विश्वास करना चाहिए. यीशु परमेश्वर का पुत्र, बलिदान का मेम्ना है इसलिए, हमारे सारे पापों को दूर करने के लिए उसका बलिदान किया गया था. हम सभी को विश्वास करना चाहिए की यीशु परमेश्वर का पुत्र है, जगत के सारे पापों को उठाने के लिए उसने बपतिस्मा लिया, और हमारे पापों के लिए वह क्रूस पर चढ़ा. हमारे सारे पापों को लेने के लिए यीशु ने बपतिस्मा लिया, फिर क्रूस पर चढ़ा जिससे हम, पापी, हमारे सारे पापों से उद्धार पाए और सज़ा से मुक्त हो जाए.