Debido a COVID-19 y la interrupción del servicio de correo internacional, hemos suspendido temporalmente nuestro "Servicio de Libros Impresos Gratis".
A la luz de esta situación no podemos enviarle los libros por correo en este momento. Oren para que esta pandemia termine pronto y por la reanudación del servicio postal.
इस समय पवित्र आत्मा स्पष्ट रूप से परमेश्वर के वचन में सत्य से सच्ची शिक्षाओं को समझाने का काम करता है। वह परमेश्वर ने हमें दिए हुए पानी और आत्मा के सुसमाचार का प्रचार उन आत्माओं को बचाने के लिए करता है जो इस समय अपने अपराधो के कारण मुश्केली में है। हमें पता होना चाहिए कि आज पूरी दुनिया में मसीहियत के अंदर कई झूठे भविष्यद्वक्ता काम कर रहे हैं। उनके दिलों में पाप होने के बावजूद भी वे बुरा कम करते है: अन्य भाषा बोलना, झूठे चमत्कार करना और दर्शन देखना। इस युग की भ्रमित आत्माओं के लिए, पवित्र आत्मा, "सहायक," दुनिया को पाप का और न्याय अंगीकार करवाता है (यूहन्ना १६:८)। सबसे पहले, सच्चाई की आत्मा मनुष्यजाति को पाप का अंगीकार करवाती है। परमेश्वर की दृष्टि में पाप पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास न करना है जो परमेश्वर ने हमें दिया है। वह उन लोगों को अंगीकार करवाता हैं जो यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के द्वारा यीशु के बपतिस्मा और क्रूस पर के उसके लहू के खुबसूरत सुसमाचार में विश्वास नहीं करते, उन्हें चेतावनी देता है की वे नरक के लिए नियोजित पापी है। वह परमेश्वर की धार्मिकता का भी गवाह है। यहाँ परमेश्वर की धार्मिकता का अर्थ है कि परमेश्वर ने यीशु को मनुष्य के रूप में इस संसार में भेजा कि वह संसार के सभी पापों को स्वीकार करे। वह उन लोगों की मदद करता है जो यीशु पर विश्वास करते हैं और पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास करके पाप की क्षमा प्राप्त करते हैं। वह यह भी चेतावनी देता है कि जो लोग परमेश्वर की इच्छा को जानने के बावजूद सच्चे सुसमाचार का पालन नहीं करते हैं, बाद में उनका उनके पापों के लिए न्याय किया जाएगा। आरम्भ में, जब परमेश्वर ने अपने वचन से दुनिया की सृष्टि, तो पवित्र आत्मा ने उसके साथ काम किया और बाद में पानी और आत्मा के सुसमाचार को प्रकाशित करने के लिए मनुष्यजाति के खाली और भ्रमित दिलों पर सच्चाई की रोशनी डाली (उत्पत्ति १:२-३)। इस प्रकार, पवित्र आत्मा भ्रमित आत्माओं को उनके पापों के बारे में, परमेश्वर की धार्मिकता के बारे में, और उनके पापों के न्याय के बारे में उजागर करता है।