नए यरूशलेम का शहर नए स्वर्ग और पृथ्वी में पवित्र शहर है जिसे परमेश्वर ने उन संतों के लिए तैयार किया है जो पहले पुनरुत्थान में भाग लेंगे। इस पृथ्वी पर सात कटोरों की विपत्तियों को समाप्त करने के बाद, परमेश्वर शैतान को एक हजार साल के लिए अथाह गड्ढे में बांध देगा, उन संतों को हजार साल के राज्य में प्रभु के साथ राज्य करने का आशीर्वाद देगा जिन्होंने पहले पुनरुत्थान में भाग लिया होगा, और हजार वर्ष समाप्त होने के बाद, पहले स्वर्ग और पहली पृथ्वी को गायब कर देगा और संतों को नए स्वर्ग और पृथ्वी का उपहार देगा।
जिन लोगों को ये आशीषें प्राप्त करनी हैं वे वो संत हैं जिन्होंने यीशु मसीह द्वारा दिए गए पानी और आत्मा के पवित्र सुसमाचार में विश्वास करके अपने पापों की क्षमा प्राप्त की है। प्रभु संतों का दूल्हा बन जाएगा, और संत, मेम्ने की दुल्हनों के रूप में, जो उनका दूल्हा बन गया है, अपने गौरवशाली राज्य में दूल्हे की सुरक्षा, आशीर्वाद और सामर्थ की महिमा में रहेंगे।
परमेश्वर ने इन संतों के लिए नए स्वर्ग और पृथ्वी में पवित्र शहर तैयार किया है। यह शहर कोई और नहीं बल्कि नया यरुशलम का शहर है। यह केवल परमेश्वर के संतों के लिए तैयार किया जाता है। और यह सब प्रभु परमेश्वर द्वारा ब्रह्मांड की रचना से पहले ही यीशु मसीह में संतों के लिए योजनाबद्ध किया गया है। जो लोग, प्रभु परमेश्वर की अद्भुत सामर्थ से, मसीह के हजार साल के राज्य में रहेंगे, वे नए स्वर्ग और पृथ्वी पर जाने के योग्य हैं जहां पवित्र शहर पाया जाता है।
इस पल से, संतों को हमेशा के लिए परमेश्वर के मंदिर में परमेश्वर के साथ रहना है। क्योंकि परमेश्वर उनके साथ है इसलिए अब न तो मृत्यु रहेगी, न शोक, न विलाप, न पीड़ा, क्योंकि पहला स्वर्ग और पहली पृथ्वी टल जाएगी, और परमेश्वर सब कुछ नया कर देगा।
नया यरुशालेम का शहर चमकता है, क्योंकि इसमें परमेश्वर की महिमा है, और उसकी ज्योति बहुत ही महुमुली पत्थर अर्थात बिल्लौर के सामान यशब की तरह स्वच्छ थी। इसलिए परमेश्वर की महिमा उस नगर और उस में रहनेवालों के साथ है। उस शहर में प्रत्येक दिशा में बारह फाटकों वाली एक बड़ी और ऊँची शहरपनाह है; उन फाटकों पर बारह स्वर्गदूत पहरा दे रहे हैं, और इस्राएल के बारह गोत्रों के नाम फाटकों पर लिखे हुए हैं। नगर की शहरपनाह की बारह नींवें हैं, और उन पर मेम्ने के बारह प्रेरितों के नाम लिखे हैं।
शहर को वर्गाकार रूप में बनाया गया है, जिसमें एक तरफ का नाप १२,००० फ़र्लांग हैं जो लगभग २,२२० किमी (१,३९० मील) के बराबर है। इसकी दीवार का नाप १४४ हाथ है, लगभग ७२ मीटर। यह शरापनाह यशब से बनी है, और यह शहर ऐसे शुध्ध सोने का था जो स्वच्छ काँच के सामान हो। शहरपनाह की नीव सब प्रकार के मणियों से अलंकृत हैं, और नगर के बारह फाटक मोतियों से बने हैं।
क्योंकि प्रभु परमेश्वर और मेम्ना नगर में हैं, सूर्य या चन्द्रमा के चमकने की कोई आवश्यकता नहीं है। साथ ही, जीवन के पानी की नदी परमेश्वर और मेम्ने के सिंहासन से बहती है, स्वर्ग के राज्य को नम करती है और सभी चीजों को नवीनीकृत करती है। नदी के दोनों किनारों पर जीवन का वृक्ष खड़ा है, जिसमें बारह फल लगते हैं और हर महीने उसके फल लगते हैं, और उसके पत्ते जाति जाति के लोगों को चंगा करते है। अब वहां कोई ओर श्राप नहीं है, लेकिन केवल अनन्त आशीर्वाद ही हैं।