क्लेश के समय, सभी को अपने नियंत्रण में लाने के लिए, मसीह विरोधी सभी को अपने दाहिने हाथों या माथे पर अपनी छाप प्राप्त करने के लिए बाध्य करेगा। यह छाप पशु का निशान है। मसीह विरोधी लोगों से उसकी छाप प्राप्त करने की मांग करेगा ताकि वह सभी को अपना सेवक बना सके। वह लोगों के जीवन को अपने लाभ के रूप में उपयोग करके अपनी राजनीतिक योजना के साथ आगे बढेगा। यदि लोगों के पास यह छाप नहीं है जो दिखाती है की वे पशु के है, तो वह उन्हें कुछ भी खरीदने या बेचने से रोकेगा। यह छाप पशु या उसकी संख्या का नाम है। जब पशु इस दुनिया में प्रकट होगा, तो उसके लोगों को उसके नाम या संख्या से बने इस निशान को प्राप्त करने के लिए मजबूर किया जाएगा।
जब गिना जाता है, तो इस छाप पर पशु की संख्या ६६६ होती है। इसका मतलब है कि पशु, जो कि मसीह विरोधी है, खुद को परमेश्वर घोषित करता है। दूसरे शब्दों में, यह ईश्वर बनने की कोशिश कर रहे इंसान के अहंकार को दर्शाता है। इस प्रकार, जो कोई भी अपने दाहिने हाथ या माथे पर इस निशान को प्राप्त करता है, वह मसीह विरोधी पशु की सेवा और उसकी पूजा परमेश्वर के रूप में करेगा।
जब दुनिया सात तुरहियों की विपत्तियों से भारी कठिनाइयों का सामना करती है, तो शैतान द्वारा सशक्त किया गया, मसीह विरोधी, पूरी दुनिया को अपने शासन में बड़ी ताकत के साथ लाएगा। अपने नश्वर घावों से खुद को ठीक करके और आकाश से आग नीचे लाने जैसे चमत्कार करते हुए, वह इस दुनिया के सभी लोगों को अपने पीछे ले जाएगा। जैसे ही संकट के समय में नायक सामने आते हैं, मसीह विरोधी, एक ऐसा व्यक्ति जिसने शैतान से अपनी शक्ति प्राप्त की, वह बड़े अधिकार से उन कठिन समस्याओं का समाधान करेगा जिनका सामना दुनिया करती है, और इस तरह दुनिया के सभी लोगों द्वारा परमेश्वर के रूप में उसे सम्मानित किया जाएगा। जैसे शैतान इस प्रकार लोगों से मसीह विरोधी की सेवा परमेश्वर के रूप में करवाता है, वैसे ही बहुत से लोग उसकी आराधना भी करेंगे।
अत: मसीह विरोधी अपना अंतिम कार्य पृथ्वी से निकलने वाले एक अन्य पशु की सहायता से करता है। दूसरा पशु लोगों को पहले पशु, मसीह विरोधी की एक मूर्ति बनाने के लिए मजबूर करता है; शैतान की शक्ति से पशु की इस मूर्ति को सांस देता है और इसे बोलता है; और जो कोई पशु की मूर्ति की पूजा नहीं करता, उसे मार डालता है। वह हर किसी के दाहिने हाथ या माथे पर अपना निशान प्राप्त करवाता है, और यदि किसी ने उस निशाँ को प्राप्त नहीं किया है तो उसे कुछ भी खरीदने या बेचने से रोकता है।
पशु की निशानी प्राप्त करने का अर्थ है उसके सामने आत्मसमर्पण करना और उसका सेवक बनना। निशान शारीरिक जबरदस्ती से नहीं, बल्कि व्यक्तिगत और तर्कसंगत निर्णय से प्राप्त होता है। लेकिन इस निशान को प्राप्त किए बिना कोई भी कुछ भी खरीद या बेच नहीं सकता है, या यहां तक कि जीवित भी नहीं रह सकता है, दुनिया के सभी लोग जिन्हें पाप की माफ़ी नहीं मिली है, वे पशु के पक्ष में खड़े होंगे और उन्हें आत्मसमर्पण कर देंगे।
जो लोग इस प्रकार पशु के सामने आत्मसमर्पण करते हैं और उसकी छाप प्राप्त करते हैं, वे सभी शैतान के साथ आग और गंधक से जलती हुई झील में डाल दिए जाएंगे। नाममात्र के मसीही जिन्होंने अभी तक नया जन्म नहीं लिया है, क्योंकि उनके दिल में पवित्र आत्मा नहीं हैं, अंत में शैतान के सामने आत्मसमर्पण करते हैं, अपने दाहिने हाथों या माथे पर उसका निशान प्राप्त करते हैं, और उन्हें परमेश्वर के रूप में पूजा करते हैं। इस समय, केवल वे लोग जिन्होंने पाप की क्षमा प्राप्त कर ली है और जिनके दिलों में पवित्र आत्मा है, वे पशु की उसकी निशानी प्राप्त करने की मांग का विरोध करने में सक्षम होंगे, और विश्वास के साथ मसीह विरोधी के खिलाफ लड़ेंगे और उस पर जय प्राप्त करेंगे।