2-10. जब डॉक्टर ने कहा की मुझे पेट का केंसर है तब मैंने कई दिन दुःख में बिताए। एक दिन, मेरे एक मसीही मित्र ने मेरी मुलाक़ात ली और मुझे कहा की उसकी कलीसिया में जो कोई भी जागृति की सभा में हिस्सा लेते है वे किसी भी प्रकार के रोगों से चंगे हो जाते है। मेरे लिए, जो उस समय नास्तिक था, उसके लिए परमेश्वर के सामर्थ्य से चंगाई को पाना अच्छा और सच्चा था। सभा के आख़री दिन, प्रत्येक व्यक्ति सेवक के पास हाथ रखवाने के लिए आए। जब वह मुझ पर हाथ रख रहा था, तब उसने मुझे पश्चाताप करने के लिए कहा और पूछा की क्या में यीशु की चंगाई की सामर्थ्य पर विश्वास करता हूँ। भले ही में मेरे दिल में विश्वास नहीं करता था, फिर भी मैंने हां में उत्तर दिया। और उसी समय मैंने महसूस किया की कुछ करंट सा मेरे अन्दर चला गया। मेरा पूरा शरीर काँप रहा था और मुझे लगा की मेरा केंसर ठीक हो चुका है। मैंने उसी समय प्रभु पर विश्वास करने का फ़ैसला किया उसके बाद, बड़ी ख़ुशी और शान्ति मेरे हृदय में आय और मैंने नया जीवन शुरू किया। मैंने सुसमाचार को फैलाने के लिए भी अपने आप को समर्पित किया। मुझे लगता है की पवित्र आत्मा ने यह सब किया है और मैं विश्वास करता हूँ की वह मेरे अन्दर निवास करता है। क्या आप को नहीं लगता है की यह वैसा ही है?