Search

GRATIS BOEKEN,
eBOEKEN EN LUISTERBOEKEN

De Brief van Paulus de Apostel aan de Romeinen.

परमेश्वर की धार्मिकता जो रोमियों में प्रगट हुई - हमारा प्रभु जो परमेश्वर की धार्मिकता बना ( II )
  • ISBN9788928241682
  • Pagina’s438

Hindi 6

परमेश्वर की धार्मिकता जो रोमियों में प्रगट हुई - हमारा प्रभु जो परमेश्वर की धार्मिकता बना ( II )

Rev. Paul C. Jong

विषय सूची 
 
प्रस्तावना 
 
अध्याय 7
1. अध्याय ७ का परिचय
2. पौलुस के विश्वास का तात्पर्य: पाप के लिए मरने के बाद मसीह के साथ जुड़ जाए (रोमियों ७:१-४)
3. हम प्रभु की स्तुति क्यों कर सकते है उसका कारण (रोमियों ७:५-१३)
4. हमारी देह जो केवल देह की सेवा करती है (रोमियों ७:१४-२५)
5. देह पाप की व्यवस्था की सेवा करती है (रोमियों ७:२४-२५)
6. पापियों के उद्धारक, प्रभु की स्तुति हो (रोमियों ७:१४-८:२)
 
अध्याय 8
1. अध्याय ८ का परिचय
2. परमेश्वर की धार्मिकता, धर्मी की पूर्ति के लिए व्यवस्था की आवश्यकता है (रोमियों ८:१-४)
3. मसीही कौन है? (रोमियों ८:९-११)
4. भौतिक मन का होना मृत्यु है, लेकिन आत्मिक मन का होना जीवन और शांति है (रोमियों ८:४-११)
5. परमेश्वर की धार्मिकता में चलना (रोमियों ८:१२-१६)
6. वे जो परमेश्वर के राज्य के वारिस है (रोमियों ८:१६-२७)
7. प्रभु का दूसरा आगमन और हजार वर्ष का राज्य (रोमियों ८:१८-२५)
8. पवित्र आत्मा जो धर्मी की मदद करता है (रोमोयों ८:२६-२८)
9. सब बाते मिलकर भलाई को ही उत्पन्न करती है (रोमियों ८:२८-३०)
10. गलत सिध्धांत (रोमियों ८:२९-३०)
11. अनन्त प्रेम (रोमियों ८:३१-३४)
12. हमारा विरोधी कौन हो सकता है? (रोमियों ८:३१-३४)
13. कौन धर्मी को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? (रोमियों ८:३५-३९)
 
अध्याय 9
1. अध्याय ९ का परिचय
2. हमें जानना चाहिए की प्रारब्ध की योजना परमेश्वर की धार्मिकता के भीतर की गई थी (रोमियों ९:९-३३)
3. क्या याकूब को प्रेम करना परमेश्वर के लिए गलत है? (रोमियों ९:३०-३३)
 
अध्याय 10
1. अध्याय १० का परिचय
2. सच्चा विश्वास सुनने के द्वारा होता है (रोमियों १०:१६-२१)
 
अध्याय 11
1. क्या इस्राएल का उद्धार होगा?
 
अध्याय 12
1. परमेश्वर के सामने अपने मन को नया करे
 
अध्याय 13
1. परमेश्वर की धार्मिकता के लिए जिए
 
अध्याय 14
1. एक दूसरों का न्याय न करे
 
अध्याय 15
1. आइये हम पूरी दुनिया में सुसमाचार का प्रसार करे
 
अध्याय 16
1. एक दूसरों का अभिवादन करे
 
परमेश्वर की धार्मिकता पारदर्शक है और वह मनुष्यों की धार्मिकता से अलग है। परमेश्वर की धार्मिकता पानी और आत्मा के सुसमाचार में प्रगट हुई है, जो यूहन्ना के द्वारा यीशु के बपतिस्मा और क्रूस पर उसके लहू के द्वारा परिपूर्ण हुई है। ज्यादा देर हो जाए उससे पहले हमें परमेश्वर की धार्मिकता पर विश्वास की ओर वापस मुड़ना चाहिए।
क्या आप जानते है की क्यों यीशु को यूहना बपतिस्मा देनेवाले से बपतिस्मा लेना पडा? यदि यूहन्ना ने यीशु को बपतिस्मा नहीं दिया होता, तो हमारे पाप उसके ऊपर नहीं डाले जाते। यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला सबसे महान व्यक्ति था, और उसने यीशु को बपतिस्मा दिया था वह परमेश्वर के लिए जरुरी था की जिससे वह हमारे पापों को हमसे दूर करके यीशु पर डाल सके।
यह सारी चीजो ने नया जन्म पाने के बारे में मेरी भूतकाल की समझ को बदल दिया, जब में केवल क्रूस के लहू को जानता था। परमेश्वर ने अब आपको सिखाया है की उसकी धार्मिकता क्या है जिससे हम पूरी रीति से उसकी धार्मिकता को जान सके और विश्वास कर सके। मैं इस सारे आशीषो के लिए परमेश्वर का आभारी हूँ।
eBoek Downloaden
PDF EPUB
Luisterboek
Luisterboek