Rev. Paul C. Jong
विषय सूचि
प्रस्तावना
1. प्रभु की प्रार्थना के अनुसार प्रार्थना कैसे करे (मत्ती 6:5-15)
2. अब किस प्रकार के विश्वास से हम पापों की क्षमा प्राप्त कर सकते है? (लैव्यव्यवस्था 1:1-9)
3. परमेश्वर के पुत्र, यीशु ने हमें इस संसार के पापों से कैसे बचाया है? (रोमियों 3:25-31)
4. परमेश्वर की इच्छा के अनुसार पूरा हुआ उद्धार (मत्ती 11:25-30)
5. क्या प्रभु ने वास्तव में हमें पापों की क्षमा और पुनरुत्थान दिया है? (यूहन्ना 11:1-42)
6. परमेश्वर को प्राप्त करे, जो वचन है (यूहन्ना 1:1-18)
7. प्रभु चाहते है की हम अरिमतिया के यूसुफ़ की तरह विश्वास के लोग बने (लूका 23:50-56)
8. प्रभु ने हमारे हृदयों को शुध्द कर दिया है (यूहन्ना 2:13-22)
9. प्रभु जो प्रायश्चित का पापबलि बन गया (यशायाह 53:7-12)
10. परमेश्वर का विधान जो हमें हमारे पापों से बचाता है (यर्मियाह 31:31-34)
11. आत्मिक परिपक्वता तक पहुँचने के लिए हमें किस सुसमाचार पर विश्वास करना चाहिए? (निर्गमन 32:25-29)
यह पुस्तक समझाती है कि उत्तर प्राचीन काल में नीकिया की परिषद में निर्मित निकेन पंथ का आज के ईसाइयों पर कितना बुरा प्रभाव पड़ा है।
इस युग में, नया जन्म प्राप्त करने के सत्य को पूरा करने के लिए, आपको थोड़ा और अध्ययन करना चाहिए। और आपको विश्वास के उस कथन के बारे में और गहराई से जानने की आवश्यकता है जिस पर आप अब तक विश्वास करते आए हो।
अब आपको इस पुस्तक में यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले से यीशु ने लिए हुए बपतिस्मा का अर्थ खोजना चाहिए जिसे निकेन के विश्वासक कथन से हटा दिया गया था। इसलिए, यह आपके हृदय में सच्चा उद्धार और शांति प्राप्त करने का अवसर होना चाहिए।
अब आप उस बपतिस्मा में पानी और आत्मा के सुसमाचार के सच्चे मूल्य को जानेंगे जो यीशु ने प्राप्त किया था। आप अधिक गहराई से और स्पष्ट रूप से जानेंगे कि यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से प्राप्त यीशु के बपतिस्मा के वचन ने आपकी आत्मा को कैसे प्रभावित किया है और इसलिए आप विश्वास के द्वारा परमेश्वर की महिमा करेंगे।