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मिलापवाले तम्बू का अभ्यास

  • मिलापवाला तम्बू
  • मिलापवाला तम्बू यीशु मसीह का प्रतिबिम्ब था जिसने इस्राएलियों के और उस पर विश्वास करनेवाले प्रत्येक लोगों के पापों को माफ़ किया। हमारा प्रभु मिलापवाले तम्बू का मालिक है। और वह उद्धारकर्ता था जिसने एक ही बार में प्रत्येक व्यक्ति के पापों को मिटा दिया, और साथ ही, सारी मनुष्यजाति के लिए खुद बलिदान का अर्पण था
  • हालाँकि इस्राएल के लोग हरदिन पाप करते थे, इसलिए बलिदान की पध्धति के मुताबिक़ निर्दोष बलि के सिर पर हाथ रखने के द्वारा, वे अपने पाप बलि के ऊपर डाल सकते थे। इसी रीति से जो कोई भी याजकों की सेवकाई और बलिदान की पध्धति के मुताबिक़ दिए हुए बलिदान के अर्पण पर विश्वास करता था वे अपने पाप धो सकता था और हिम के जैसे श्वेत बन सकते थे। इसी रीति से, यीशु के बपतिस्मा और बलिदान पर विश्वास करने के द्वारा, जो मिलापवाले तम्बू का सच्चा तत्व है, इस्राएल के लोग और हम जो विदेशी लोग है उन सब ने हमारे पापों की माफ़ी की आशीष पाई है और प्रभु के साथ हमेशा रह सकते है।
  • केवल इस्राएली ही नहीं, लेकिन सारे विदेशी भी केवल यीशु पर विश्वास करके जो मिलापवाले तम्बू का प्रभु है, अपने पापों से स्वतंत्र हो सकते है। मिलापवाला तम्बू हमें सिखाता है की पाप की माफ़ी का उपहार क्या है जो परमेश्वर ने प्रत्येक व्यक्ति को दिया है। उसी रीति से, मिलापवाला तम्बू यीशु मसीह का मूल तत्व था।
  • यीशु पापियों का उद्धारकर्ता बना है। प्रत्येक पापी, फिर चाहे वह कोई भी हो, यीशु के बपतिस्मा, क्रूस पर के उसके लहू, और वह खुद परमेश्वर है इस सत्य पर विश्वास करके वे पापरहित बन सकते है। हम नीले, बैंजनी, और लाल कपड़े पर हमारे विश्वास के आधार पर परमेश्वर के न्याय से छूटकारा पा सकते है – दुसरे शब्दों में, यीशु के बपतिस्मा, उसके लहू, और उसकी दैवियता पर विश्वास करके। यीशु स्वर्ग के राज्य का द्वार है।
  • प्रेरितों ४:१२ कहता है, “किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिसके द्वारा हम उद्धार पा सकें।” कोई ओर नहीं लेकिन केवल यीशु ही पापियों को उनके पाप से बचा सकता है। यीशु के अलावा कोई ओर उद्धारकर्ता नहीं है। यूहन्ना १०:९ कहता है, “द्वार मैं हूँ; यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे, तो उद्धार पाएगा, और भीतर बाहर आया जाया करेगा और चारा पाएगा।” १ तीमुथियुस २:५ कहता है, “क्योंकि परमेश्‍वर एक ही है, और परमेश्‍वर और मनुष्यों के बीच में भी एक ही बिचवई है, अर्थात् मसीह यीशु जो मनुष्य है।” और मत्ती ३:१५ कहता है, “यीशु ने उसको यह उत्तर दिया, “अब तो ऐसा ही होने दे, क्योंकि हमें इसी रीति से सब धार्मिकता को पूरा करना उचित है।” यह सारे वचन इस सत्य की गवाही देते है।
  • यीशु मनुष्य की देह में इस पृथ्वी पर आया, और उसने बपतिस्मा लेकर (नीला कपड़ा) और अपना लहू बहाकर (लाल कपड़ा), उसने पापियों को बचाया। वैसे ही, यीशु सारे पापियों के लिए उद्धार का द्वार बना। जैसे मिलापवाले तम्बू के आँगन का द्वार नीले, बैंजनी, और लाल कपड़े से बुना था, वैसे ही यीशु ने इस पृथ्वी पर आकर, उसने सबसे पहले यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से बपतिस्मा लेकर जगत के पापों को अपने ऊपर उठाया। इसतरह, वह बलिदान का अर्पण, परमेश्वर का मेम्ना बना (यूहन्ना १:२९)।
  • दूसरा, अपने बपतिस्मा के द्वारा सारे पापियों के अपराधों को उठाने के बाद, वह उनकी जगह मरा और विश्वास करनेवालों को नया जीवन दिया। तीसरा, यह यीशु खुद परमेश्वर था। उत्पत्ति १:१ कहता है, “आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की,” और उत्पत्ति १:३ कहता है, “जब परमेश्वर ने कहा, ‘उजियाला हो,’ तो उजियाला हो गया।” यीशु ओर कोई नहीं लेकिन यही शब्द का परमेश्वर था, वह जिसने पूरे ब्रह्मांड और उनमे जो कुछ भी है उसकी रचना की।
  • परमेश्वर ने मूसा को नीले, बैंजनी, और लाल कपड़े और बटी हुई सनी के कपड़े से मिलापवाले तम्बू के आँगन के द्वार को बनाने के लिए कहा। यीशु जो खुद परमेश्वर था, उसने मनुष्य की देह में इस पृथ्वी पर आकर और अपने बपतिस्मा और क्रूस की मृत्यु के द्वारा अपने लोगों को उनके पापों से बचाने के द्वारा पापियों को धर्मी बनाने के अपने कार्य को परिपूर्ण किया। यह तिन सेवकाई के द्वारा मसीह ने पापियों को बचाया, और वे इस सत्य का प्रमाण है।
  • प्रेरित पौलुस इफिसियों ४:४-६ में कहता है, “एक ही देह है, और एक ही आत्मा; जैसे तुम्हें जो बुलाए गए थे अपने बुलाए जाने से एक ही आशा है। 5एक ही प्रभु है, एक ही विश्‍वास, एक ही बपतिस्मा, 6और सब का एक ही परमेश्‍वर और पिता है, जो सब के ऊपर और सब के मध्य में और सब में है।” यह वचन नीले, बैंजनी, और लाल कपड़े और बटी हुई सनी के कपड़े से बने उद्धार को दर्शाते है।
  • मिलापवाले तम्बू की हमारी खोज के द्वारा, हमें इसके वास्तविक सत्य को समझना चाहिए, और इसतरह हमारे सारे पापों से माफ़ी की आशीष पानी चाहिए।

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