पवित्र आत्मा हर समय एक सा ही परमेश्वर है। इसलिए, चाहे हम पुराने या नए नियम में पढ़े उससे उसकी दैवीय प्रकृति में कोई फर्क नहीं पड़ता। हालांकि, यह सच है कि उन्होंने मनुष्यजाति को उनके पापों से बचाने के लिए परमेश्वर की भविष्यवाणी के द्वारा पुराने और नए नियम में अलग-अलग तरीके से काम किया।
पुराने नियम में, परमेश्वर ने अपने वचनों को बोलने के लिए, अलग तरीके से परमेश्वर के जन के ऊपर पवित्र आत्मा उँडेला, ताकि वह चमत्कारों के द्वारा अपनी इच्छा को बता सके और अपना कार्य कर सके। उदाहरण के लिए, प्रभु की आत्मा शिमशोन न्यायी के ऊपर मंडराने लगी, जिससे उसके द्वारा कई पराक्रमी कार्य किए गए (न्यायियों १३:२५, १४:१९)। दूसरे शब्दों में, पवित्र आत्मा पुराने नियम के समय में चुने हुए लोगों पर आया था।
हालाँकि, नए नियम के समय में, पिन्तेकुस्त के दिन को पवित्र आत्मा के आने के शुरुआती समय के तौर पर, परमेश्वर ने पवित्र आत्मा को हर उस संत के पास भेजा, जिसने पानी और आत्मा के सुसमाचार में अपने विश्वास के द्वारा पापों की क्षमा प्राप्त की थी। और वह पवित्र आत्मा को उन में हमेशा के लिए रहने की अनुमति देता है।
इसलिए, यीशु मसीह के पुनरुत्थान के बाद पहले पिन्तेकुस्त पर प्रेरितों को पवित्र आत्मा से भर दिया गया था उसके बाद, उन सभी धर्मीयों को जिनके पापों को सत्य के सुसमाचार पर विश्वास करके माफ़ किया गया था, वे पवित्र आत्मा के अंतर्निवास को पा सकते है (प्रेरितों २:३८)। पतरस रोम के एक अन्यजाती और दरोगा कर्नेलियस के घर में गया, और यीशु के बपतिस्मा और क्रूस पर उसके लहू के सुसमाचार का प्रचार किया। जब पतरस सुसमाचार का प्रचार कर रहा था, तब पवित्र आत्मा हर उस व्यक्ति पर उतारा जिन्होंने वचन को सुना (प्रेरितों १०:३४-४५)। यह इस बात को साबित करता है कि जिस पल व्यक्ति यीशु के बपतिस्मा और उसके क्रूस पर के लहू के सुसमाचार पर विश्वास करता है जिसे यीशु ने परिपूर्ण किया है, तब वह एक उपहार के रूप में पवित्र आत्मा को प्राप्त करता है।
परमेश्वर ने पवित्र आत्मा को उन सभी धर्मियों के अन्दर निवास करने के लिए दिया जिनके पाप सुसमाचार पर विश्वास करने की वजह से माफ़ किए गए थे। पुराने नियम में पवित्र आत्मा ने लोगों को यीशु की ओर अगुवाई करने की भूमिका निभाई, और नए नियम में पवित्र आत्मा परमेश्वर की धार्मिकता का गवाह है और इसके लिए निश्चितता देता है। परमेश्वर की धार्मिकता का मतलब है कि यीशु ने जगत के सारे पापों को अपने बपतिस्मा और क्रूस पर के अपने लहू से माफ़ कर दिया। और पवित्र आत्मा उद्धार के सुसमाचार की निश्चितता देता है और हर किसी को इस पर विश्वास करने के लिए मदद करता है।