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Bài giảng

विषय १० : प्रकाशितवाक्य (प्रकाशितवाक्य पर टिप्पणी)

[अध्याय 17-1] बहुत-से पानी पर बैठी वेश्या का न्याय ( प्रकाशितवाक्य १७:१-१८ )

बहुत-से पानी पर बैठी वेश्या का न्याय
( प्रकाशितवाक्य १७:१-१८ )
“जिन सात स्वर्गदूतों के पास वे सात कटोरे थे, उनमें से एक ने आकर मुझ से यह कहा, “इधर आ, मैं तुझे उस बड़ी वेश्या का दण्ड दिखाऊँ, जो बहुत–से पानी पर बैठी है, जिसके साथ पृथ्वी के राजाओं ने व्यभिचार किया; और पृथ्वी के रहनेवाले उसके व्यभिचार की मदिरा से मतवाले हो गए थे।” तब वह मुझे आत्मा में जंगल को ले गया, और मैं ने लाल रंग के पशु पर, जो निन्दा के नामों से भरा हुआ था और जिसके सात सिर और दस सींग थे, एक स्त्री को बैठे हुए देखा। यह स्त्री बैंजनी और लाल रंग के कपड़े पहिने थी, और सोने और बहुमूल्य मणियों और मोतियों से सजी हुई थी, और उसके हाथ में एक सोने का कटोरा था जो घृणित वस्तुओं से और उसके व्यभिचार की अशुद्ध वस्तुओं से भरा हुआ था। उसके माथे पर यह नाम लिखा था, 
“भेद – बड़ा बेबीलोन पृथ्वी की वेश्याओं और घृणित वस्तुओं की माता।”
 मैं ने उस स्त्री को पवित्र लोगों का लहू और यीशु के गवाहों का लहू पीने से मतवाली देखा; उसे देखकर मैं चकित हो गया। तब उस स्वर्गदूत ने मुझ से कहा, “तू क्यों चकित हुआ? मैं इस स्त्री और उस पशु का, जिस पर वह सवार है और जिसके सात सिर और दस सींग हैं, तुझे भेद बताता हूँ। जो पशु तू ने देखा है, वह पहले तो था पर अब नहीं है, और अथाह कुंड से निकलकर विनाश में पड़ेगा; और पृथ्वी के रहनेवाले जिनके नाम जगत की उत्पत्ति के समय से जीवन की पुस्तक में लिखे नहीं गए, इस पशु की यह दशा देखकर कि पहले था और अब नहीं है और फिर आ जाएगा, अचम्भा करेंगे। उस बुद्धि के लिये जिसमें ज्ञान है, यही अवसर है : वे सातों सिर सात पहाड़ हैं जिन पर वह स्त्री बैठी है। वे सात राजा भी हैं, पाँच तो हो चुके हैं, और एक अभी है, और एक अब तक आया नहीं, और जब आएगा तो कुछ समय तक उसका रहना भी अवश्य है। जो पशु पहले था, और अब नहीं है, वह आप आठवाँ है और उन सातों में से उत्पन्न हुआ, और विनाश में पड़ेगा। जो दस सींग तू ने देखे वे दस राजा हैं जिन्होंने अब तक राज्य नहीं पाया, पर उस पशु के साथ घड़ी भर के लिये राजाओं का सा अधिकार पाएँगे। ये सब एक मन होंगे, और वे अपनी अपनी सामर्थ्य और अधिकार उस पशु को देंगे। वे मेम्ने से लड़ेंगे, और मेम्ना उन पर जय पाएगा, क्योंकि वह प्रभुओं का प्रभु और राजाओं का राजा है, और जो बुलाए हुए और चुने हुए और विश्‍वासी हैं वे उसके साथ हैं; वे भी जय पाएँगे।” फिर उस ने मुझ से कहा, “जो पानी तू ने देखे, जिन पर वेश्या बैठी है, वे तो लोग और भीड़ और जातियाँ और भाषाएँ हैं। जो दस सींग तू ने देखे, वे और पशु उस वेश्या से बैर रखेंगे, और उसे लाचार और नंगी कर देंगे, और उसका मांस खा जाएँगे, और उसे आग में जला देंगे। क्योंकि परमेश्‍वर उनके मन में यह डालेगा कि वे उसकी मनसा पूरी करें, और जब तक परमेश्‍वर के वचन पूरे न हो लें तब तक एक मन होकर अपना अपना राज्य पशु को दे दें। वह स्त्री, जिसे तू ने देखा है, वह बड़ा नगर है जो पृथ्वी के राजाओं पर राज्य करता है।” 
 
 

विवरण


वचन १: “जिन सात स्वर्गदूतों के पास वे सात कटोरे थे, उनमें से एक ने आकर मुझ से यह कहा, “इधर आ, मैं तुझे उस बड़ी वेश्या का दण्ड दिखाऊँ, जो बहुत–से पानी पर बैठी है,”
मुख्य भाग की वेश्या, स्त्री और पशु कौन हैं यह जानना अध्याय १७ की व्याख्या और समझने के लिए आवश्यक है। वचन १ में "वेश्या" दुनिया के धर्मों को संदर्भित करती है, जबकि "स्त्री" दुनिया को संदर्भित करती है। दूसरी ओर, "पशु", मसीह-विरोधी को दर्शाता है। "बहुत सा पानी" शैतान की शिक्षाओं को दर्शाता है। वाक्यांश, “मैं तुझे उस बड़ी वेश्या का दण्ड दिखाऊँ, जो बहुत–से पानी पर बैठी है,” हमें बताता है कि परमेश्वर दुनिया के धर्मों का न्याय करेंगे जो शैतान की कई शिक्षाओं पर बैठे हैं।

वचन २: जिसके साथ पृथ्वी के राजाओं ने व्यभिचार किया; और पृथ्वी के रहनेवाले उसके व्यभिचार की मदिरा से मतवाले हो गए थे।”
"व्यभिचार" का अर्थ परमेश्वर से प्रेम करने से अधिक इस संसार और इसकी वस्तुओं से प्रेम करना है। संसार की वस्तुओं के अनुसार मूर्तियाँ बनाना, और उनकी पूजा करना और उन्हें परमेश्वर के समान प्रेम करना वास्तव में सभी व्यभिचार के कार्य हैं।
उपरोक्त वाक्यांश, "जिसके साथ पृथ्वी के राजाओं ने व्यभिचार किया," का अर्थ है कि इस दुनिया के अगुवों ने सांसारिक धर्मों में अपना जीवन व्यतीत किया है, और सभी सांसारिक लोग भी ऐसे पापों के नशे में रहते हैं जो सांसारिक धर्म प्रदान करता है।

वचन ३: तब वह मुझे आत्मा में जंगल को ले गया, और मैं ने लाल रंग के पशु पर, जो निन्दा के नामों से भरा हुआ था और जिसके सात सिर और दस सींग थे, एक स्त्री को बैठे हुए देखा। 
वाक्यांश, "लाल रंग के पशु पर बैठी महिला," हमें बताता है कि इस दुनिया के लोग संतों को सताने और उनकी हत्या करने के लिए अपने दिलों को मसीह विरोधी के साथ जोड़ देंगे। यह हमें दिखाता है कि सांसारिक लोग अंत में परमेश्वर के शत्रु के सेवकों में बदल जाएंगे, मसीह विरोधी की आज्ञा पर उसके के कार्य करेंगे। पशु मसीह विरोधी है जो परमेश्वर के खिलाफ खड़ा होता है। मसीह विरोधी कई राजाओं पर शासन करता है, और वह दुनिया के कई राष्ट्रों पर भी शासन करता है।
परन्तु अभिमानी होने के कारण, मसीह विरोधी परमेश्वर की निन्दा करने और घमण्डी वचन बोलने से नहीं हिचकिचाएगा। वह यह दावा करते हुए अभिमानी शब्द कहकर परमेश्वर की निन्दा करेगा कि वह स्वयं परमेश्वर या यीशु मसीह है, और वह स्वयं को परमेश्वर के समान ऊंचा उठाएगा। इसलिए उसकी शक्ति दुनिया के सभी राजाओं और उसके सभी राष्ट्रों तक पहुँचेगी और उन पर शासन करेगी।
"सात सिर और दस सींग वाले", इस वाक्यांश में "सात सिर" यहां दुनिया के सात राजाओं को संदर्भित करते हैं, और "दस सींग" दुनिया के राष्ट्रों को संदर्भित करते हैं।

वचन ४: यह स्त्री बैंजनी और लाल रंग के कपड़े पहिने थी, और सोने और बहुमूल्य मणियों और मोतियों से सजी हुई थी, और उसके हाथ में एक सोने का कटोरा था जो घृणित वस्तुओं से और उसके व्यभिचार की अशुद्ध वस्तुओं से भरा हुआ था।
“यह स्त्री बैंजनी और लाल रंग के कपड़े पहिने थी, और सोने और बहुमूल्य मणियों और मोतियों से सजी हुई थी,” इस वाक्यांश के द्वारा, यह भाग हमें बताता है कि सांसारिक धर्म, मसीह विरोधी को अपने राजा के रूप में मानते हुए उसके साथ योजना बनाएंगे। इस प्रकार, वे इसे उचित ही समझेंगे कि जो लोग उनके खिलाफ खड़े हैं उन्हें मौत की सजा दी जानी चाहिए, और वास्तव में संतों के खिलाफ अपने कार्यों के माध्यम से अपने विचारों को लागू करेंगे। 
और इस संसार को सुख के शाश्वत राज्य के रूप में सजाने के लिए, वे दुनिया के सोने, कीमती पत्थरों और मोतियों से खुद को खूबसूरती से सजाएंगे। लेकिन उनका विश्वास सबसे अधिक केवल इस बात में है कि वे इस दुनिया में रहते हुए दैहिक रूप में कितने सुख प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि जब परमेश्वर इस संसार के लोगों को देखता है तो उन्हें उनके गंदे पापों से भरा हुआ संसार दिखाई देता है, वे सब उसके सामने घृणित दिखाई देंगे। 

वचन ५: उसके माथे पर यह नाम लिखा था, “भेद – बड़ा बेबीलोन पृथ्वी की वेश्याओं और घृणित वस्तुओं की माता।” 
हालाँकि दुनिया के धार्मिक लोग खुद को रानी के रूप में सुशोभित करने की कोशिश करेंगे, लेकिन वे वास्तव में एक वेश्या के रूप में प्रकट होंगे। एक ओर, उसका नाम, "बड़ा बेबीलोन", हमें वेश्या के घमंडी, मूर्तिपूजक और दमनकारी चरित्र को दर्शाता है, जबकि दूसरी ओर "माता," शब्द हमें दिखाता है कि इतिहास में मसीह विरोधी की सभी ताकतों की उत्पत्ति किसी और से नहीं बल्कि दुनिया से हुई है, और यह दुनिया सभी प्रकार की मूर्तिपूजा और भ्रष्टाचार की जड़ है।
यद्यपि यह संसार चमचमाते और सुंदर रत्नों से अलंकृत है, फिर भी जो मसीह-विरोधी परमेश्वर के विरुद्ध खड़ा है और संसार के इन लोगों के हृदयों में कार्य करता है, वह उनकी माता के रूप में कार्य करेगा। इस प्रकार, हमारे प्रभु परमेश्वर ने उन सात कटोरों की महान विपत्तियों के साथ उन सभी को नष्ट करने का निर्णय लिया है। 

वचन ६: मैं ने उस स्त्री को पवित्र लोगों का लहू और यीशु के गवाहों का लहू पीने से मतवाली देखा; उसे देखकर मैं चकित हो गया। 
"पवित्र लोग" पूरे कलीसिया के इतिहास में विश्वास के लोगों को संदर्भित करते हैं जिन्होंने यीशु मसीह द्वारा दिए गए पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास किया है। वाक्यांश "यीशु के गवाहों" उन संतों में से हैं जिन्होंने इस सच्चाई की गवाही दी है कि यीशु परमेश्वर का पुत्र और उनका उद्धारकर्ता है, और जो विशेष रूप से अपने विश्वास की रक्षा के लिए शहीद हुए हैं। 
यह वचन इस बात पर जोर देता है कि जो संतों को सताएंगे और मारेंगे, वे कोई और नहीं बल्कि इस दुनिया के धार्मिक लोग हैं। वे मसीह विरोधी की सामर्थ के रूप में ऐसी बुराई करेंगे।
यूहन्ना यहाँ कहता है कि जब उसने उस स्त्री को देखा, तो वह “बहुत चकित हुआ।” यह दुनिया वाकई एक जिज्ञासु दुनिया है। संतों ने इसे नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ नहीं किया है, और फिर भी यह दुनिया मसीह विरोधी के साथ योजना बनाती है और कई संतों को मार देती है। यह दुनिया इतनी अजीब कैसे हो सकती है? ये बातें निश्चित रूप से इस संसार के लोगों के द्वारा संतों पर लाई जाएंगी। क्योंकि यह संसार मसीह विरोधी, उसके लोग जो उसके सेवक है उनके नियंत्रण में है, वे संतों को पकड़कर मार डालेंगे। 
इसलिए वे वास्तव में हमारे लिए बहुत ही विदेशी दिखाई देंगे। जब हम सांसारिक लोगों को देखते हैं, तो क्या वे वास्तव में कुछ अजीब नहीं लगते? जब लोगों को परमेश्वर के स्वरूप के अनुसार बनाया गया हैं, तो वे मसीह विरोधी के सेवक कैसे बन सकते हैं और लोगों की हत्या कैसे कर सकते हैं —न केवल किसी भी व्यक्ति को, बल्कि अनगिनत लोगों को जो परमेश्वर में विश्वास करते हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि यह संसार शैतान का दास है।

वचन ७: तब उस स्वर्गदूत ने मुझ से कहा, “तू क्यों चकित हुआ? मैं इस स्त्री और उस पशु का, जिस पर वह सवार है और जिसके सात सिर और दस सींग हैं, तुझे भेद बताता हूँ।”
यहाँ "स्त्री" इस दुनिया के लोगों को संदर्भित करती है। यह वचन हमें बताता है कि वह पशु, जो मसीह विरोधी कहलाता है, संसार के सब राजाओं और उसकी जातियों पर राज्य करेगा, और उनके द्वारा वह परमेश्वर के विरुद्ध खड़े होने, पवित्र लोगों को सताने और उनकी हत्या करने का काम करेगा। "पशु का भेद" शैतान के आदेश पर चलते हुए, मसीह विरोधी की पहचान को दर्शाता है। और वह इस संसार के राष्ट्रों को अपना बना लेगा।
इस संसार के लोग, मसीह-विरोधी के साथ षडयंत्र रचते हुए, प्रभु के लोगों की एक बड़ी संख्या का कत्लेआम करने में शैतान के हथियार के रूप में नाश हो जाएंगे। यह संसार और मसीह-विरोधी शैतान के उपकरण हैं, जो अभी के लिए हमारी आँखों से छिपे हुए हैं। लेकिन जब बड़े क्लेश के पहले साढ़े तीन साल बीत जाएंगे, तब वे उठ खड़े होंगे और संतों को मार डालेंगे।
तब कोई व्यक्ति आश्चर्य कर सकता है कि जब इस दुनिया में इतने सारे राजनेताओं से लेकर तत्वज्ञानी और PhD किए हुए इमानदार, पढ़ें लिखे, और स्मार्ट लोग है तो ऐसा कैसे हो सकता है। लेकिन चूँकि दुनिया मसीह-विरोधी के साथ साज़िश रचेगी, इसलिए संतों के कत्लेआम सहित ये सभी चीज़ें संभव हो जाएँगी। इस प्रकार, जब यह संसार मसीह-विरोधी के सामने आत्मसमर्पण करेगा और संतों की हत्या करेगा वह मसीह-विरोधी के रहस्य को सुलझाने की कुंजी है। 
 
वचन ८: “जो पशु तू ने देखा है, वह पहले तो था पर अब नहीं है, और अथाह कुंड से निकलकर विनाश में पड़ेगा; और पृथ्वी के रहनेवाले जिनके नाम जगत की उत्पत्ति के समय से जीवन की पुस्तक में लिखे नहीं गए, इस पशु की यह दशा देखकर कि पहले था और अब नहीं है और फिर आ जाएगा, अचम्भा करेंगे।”
यह वचन हमें बताता है कि प्राचीन काल के राजाओं में मसीह विरोधी पाया गया था, और यद्यपि वह अभी इस संसार में नहीं है, वह भविष्य में संसार में आएगा। यह हमें बताता है कि इस दुनिया के लोग बहुत चकित होंगे जब वे मसीह विरोधी को उभरते हुए और संतों को मारते हुए देखेंगे। 
मसीह विरोधी इस दुनिया की नई राजनीति में भाग लेकर अपने उद्देश्यों को पूरा करेगा। वह इस दुनिया के लोगों के लिए रहस्यमय बना रहेगा और फिर भी आश्चर्यजनक रूप से सुर्खियों में रहेगा। क्योंकि वह इस दुनिया की कई राजनीतिक, आर्थिक, वैचारिक और धार्मिक समस्याओं को अपने हाथों में लेगा और उन सभी को अपनी क्षमता से हल करेगा, बहुत से लोग उसे अंत के समय में आनेवाले मसीह यीशु के रूप में मानेंगे और उसका अनुसरण करेंगे। इसलिए वह दुनिया के लोगों की आंखों के सामने विस्मय के रूप में रहेगा।

वचन ९: “उस बुद्धि के लिये जिसमें ज्ञान है, यही अवसर है : वे सातों सिर सात पहाड़ हैं जिन पर वह स्त्री बैठी है।”
यह वचन हमें बताता है कि मसीह विरोधी दुनिया के लोगों पर शासन करने के लिए अपने स्वयं की व्यवस्था को स्थापित करेगा और अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए इन व्यवस्था को अपने शासी निकाय में बदल देगा। दुनिया के लोगों का एक साथ एकजुट होने का कारण यह है कि मसीह विरोधी की छाप प्राप्त करके शैतान के शासन के तहत आना, और परमेश्वर और उसके संतों के खिलाफ खड़े होना, मसीह विरोधी द्वारा बनाई गई व्यवस्था की शक्ति में अपना भरोसा रखना।

वचन १०: “वे सात राजा भी हैं, पाँच तो हो चुके हैं, और एक अभी है, और एक अब तक आया नहीं, और जब आएगा तो कुछ समय तक उसका रहना भी अवश्य है।”
यह वचन हमें बताता है कि जैसे पहले जो राजा परमेश्वर के खिलाफ उठ खड़े हुए थे वैसे ही ऐसे राजा इस संसार में आते रहेंगे। जब अंतिम महान क्लेश का समय आएगा, तो इस दुनिया का एक अगुवा मसीह विरोधी के रूप में उठेगा और संतों का नरसंहार करेगा। लेकिन इस विश्व अगुवे का उत्पीड़न, जो कि मसीह विरोधी बन जाएगा, परमेश्वर द्वारा अनुमत थोड़े समय के लिए ही रहेगा।

वचन ११: “जो पशु पहले था, और अब नहीं है, वह आप आठवाँ है और उन सातों में से उत्पन्न हुआ, और विनाश में पड़ेगा।”
यह हमें बताता है कि इस दुनिया में आने वाला मसीह विरोधी दुनिया के अंतिम राजाओं के रूप में उठ खडा होगा। जब मसीह विरोधी दुनिया के राजाओं में से निकलेगा, और वह अजगर की आत्मा को प्राप्त करके परमेश्वर की तरह सामर्थ का प्रयोग करेगा और चिह्न और चमत्कार करेगा तब दुनिया के बहुत से लोग उसका अनुसरण करेंगे। परमेश्वर के सेवकों और संतों को भी मसीह विरोधी के द्वारा मार दिया जाएगा, लेकिन ये सभी चीजें केवल थोड़ी देर के लिए परमेश्वर की अनुमति के अनुसार ही रहेंगी। इस तरह की बातें होने के बाद, मसीह विरोधी को अथाह गड्ढे में बांध दिया जाएगा, और फिर उसे जलाते हुए नरक में फेंक दिया जाएगा, वहाँ से वह कभी भी मुक्त नहीं होगा।

वचन १२: “जो दस सींग तू ने देखे वे दस राजा हैं जिन्होंने अब तक राज्य नहीं पाया, पर उस पशु के साथ घड़ी भर के लिये राजाओं का सा अधिकार पाएँगे।”
यह वचन हमें बताता है कि दस राष्ट्र पूरी दुनिया पर शासन करने के लिए अपनी शक्ति को एकजुट करेंगे। ये दस राष्ट्र, इस प्रकार एकजुट होकर, थोड़ी देर के लिए मसीह विरोधी के साथ दुनिया पर अपनी शक्ति का संचालन करने आएंगे। परन्तु यह वचन हमें यह भी बताता है कि संसार के इन राजाओं को अभी तक मसीह विरोधी द्वारा शासित राज्य प्राप्त नहीं हुआ है। हालांकि, निकट भविष्य में, दुनिया के ये राजा पशु के साथ अन्धकार के राजाओं के रूप में कुछ समय के लिए राज्य करेंगे। लेकिन उनका शासन केवल कुछ समय तक ही चलेगा, और इस तरह, वे केवल इतने कम समय के लिए अन्धकार के प्रभुत्व पर शासन करेंगे।

वचन १३: “ये सब एक मन होंगे, और वे अपनी अपनी सामर्थ्य और अधिकार उस पशु को देंगे।”
समय आने पर, इस संसार के राजा अपनी सारी शक्ति और अधिकार मसीह विरोधी को हस्तांतरित कर देंगे। इस समय, परमेश्वर की कलीसिया, उसके संतों और उसके सेवकों को मसीह विरोधी द्वारा बहुत सताया जाएगा और वे शहीद हो जाएंगे। परन्तु मसीह विरोधी स्वयं यीशु मसीह की शक्ति और अधिकार और उसके मुंह के वचन की तलवार से नष्ट हो जाएगा।
 
वचन १४: “वे मेम्ने से लड़ेंगे, और मेम्ना उन पर जय पाएगा, क्योंकि वह प्रभुओं का प्रभु और राजाओं का राजा है, और जो बुलाए हुए और चुने हुए और विश्‍वासी हैं वे उसके साथ हैं; वे भी जय पाएँगे।”
हालाँकि शैतान यीशु मसीह के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोशिश करेगा, लेकिन वह उसके सामने मुकाबला नहीं कर पायेगा। संत भी उसके विरुद्ध अपने संघर्ष में उस पर जय प्राप्त करेंगे। प्रभु संतों को उनके विश्वास से मसीह विरोधी के विरुद्ध लड़ने और उस पर जय पाने की सामर्थ देगा। इसी प्रकार, संत मसीह विरोधी के खिलाफ अपने संघर्ष से नहीं डरेंगे, लेकिन अपने प्रभु परमेश्वर में विश्वास करके चैन और शांति के साथ अंत के समय को जीएंगे। तब वे प्रभु में अपने विश्वास के द्वारा अपने शत्रुओं पर जय प्राप्त करेंगे। 
संतों की इस जीत का मतलब है कि वे अपने विश्वास की रक्षा करेंगे और शहीद हो जाएंगे। जब यह समय आएगा, संत यीशु मसीह में अपने विश्वास और स्वर्ग के राज्य के लिए अपनी आशा के साथ अपनी शहादत को गले लगाकर शैतान और मसीह विरोधी पर जय प्राप्त करेंगे, अपने पुनरुत्थान और रेप्चर में भाग लेंगे, मसीह के नए राज्य को प्राप्त करेंगे, और उसके बाद हमेशा के लिए महिमा में जीवित रहेंगे।
 
वचन १५: “फिर उस ने मुझ से कहा, “जो पानी तू ने देखे, जिन पर वेश्या बैठी है, वे तो लोग और भीड़ और जातियाँ और भाषाएँ हैं।”
सांसारिक धर्मों ने शैतान की शिक्षाओं से सभी राष्ट्रों के लोगों को धोखा दिया और उन पर शासन किया है। यह वचन हमें बताता है कि सांसारिक धर्मों के बीच काम कर रही शैतानी शिक्षाओं ने दुनिया के सभी देशों और लोगों में प्रवेश कर लिया है, और उनका प्रभाव इस हद तक पहुंच गया है कि लोगों की आत्माओं को नष्ट कर दिया है।

वचन १६: “जो दस सींग तू ने देखे, वे और पशु उस वेश्या से बैर रखेंगे, और उसे लाचार और नंगी कर देंगे, और उसका मांस खा जाएँगे, और उसे आग में जला देंगे।”
यहां वचन हमें बताता है कि इस दुनिया के राष्ट्र अपने धार्मिक लोगों को मारने और नष्ट करने के लिए मसीह विरोधी के साथ एकजुट होंगे। दूसरे शब्दों में, यह हमें बताता है कि इस दुनिया के लोग और मसीह विरोधी धार्मिक लोगों से घृणा और दुर्व्यवहार करेंगे, और दुनिया के सभी धर्मों को दिनिया से मिटा देंगे। हालाँकि दुनिया के धार्मिक लोगों ने पहले मसीह विरोधी के समर्थन से संतों को मार डाला था, अब वे खुद शैतान और धर्मनिरपेक्ष लोगों द्वारा नष्ट किए जाने वाले हैं। अंत में, शैतान ने दुनिया के धर्मों का इस्तेमाल केवल खुद को परमेश्वर के रूप में उठाने के लिए किया है।

वचन १७: “क्योंकि परमेश्‍वर उनके मन में यह डालेगा कि वे उसकी मनसा पूरी करें, और जब तक परमेश्‍वर के वचन पूरे न हो लें तब तक एक मन होकर अपना अपना राज्य पशु को दे दें।”
यह हमें बताता है कि इस संसार के लोग अपना राज्य और शक्ति शैतान को दे देंगे। इस प्रकार, वे मसीह विरोधी के लोग बन जाएंगे क्योंकि वे स्वेच्छा से उसकी छाप प्राप्त करते हैं, उसके सेवक होने पर गर्व करते हैं, और उन लोगों की हत्या भी करते हैं जो उसकी छाप को प्राप्त करने से इनकार करते हैं। हालाँकि, संतों के उत्पीड़न की अनुमति केवल उस अवधि के लिए दी जाएगी, जिसकी अनुमति परमेश्वर के वचन ने दी है। इस अनुमत अवधि के दौरान, मसीह विरोधी अपने ह्रदय की सभी बुराइयों को बाहर निकालेगा और स्वतंत्र रूप से परमेश्वर और उनके संतों के खिलाफ खड़ा होगा।

वचन १८: “वह स्त्री, जिसे तू ने देखा है, वह बड़ा नगर है जो पृथ्वी के राजाओं पर राज्य करता है।”
परमेश्वर हमें यहाँ बताता है कि यह संसार अपने राजाओं पर शासन करने और उन्हें नियंत्रित करने के लिए एक नई व्यवस्था स्थापित करेगा, और दुनिया के राजा इन नई व्यवस्था की सीमा के भीतर शासन करेंगे। इस दुनिया की सर्वोच्च शक्ति दुनिया के सभी राजाओं पर शासन करेगी, जैसे कि यह एक व्यक्ति ही हो। दूसरे शब्दों में, दुनिया ऐसी व्यवस्था बनाएगी जो सभी राजाओं को बाँध कर रखे, और उन पर ईश्वर की तरह शासन करनेवाले बन जाएंगे। 
"बड़ा नगर" उस राजनीतिक संस्था को संदर्भित करता है जिसके माध्यम से मसीह विरोधी शासन करेगा। इस संसार के प्रत्येक व्यक्ति को संसार के शासक सत्ता की सेवा करनी होगी, जिसे परमेश्वर ने उन्हें दिया है, मानो वह स्वयं परमेश्वर हो, और उसके द्वारा राज्य किया जाएगा। क्योंकि मनुष्य शैतान के दास बन गए है, इस प्रकार वे नष्ट हो जाएंगे।
भजन संहिता ४९:२० हमें बताता है, "मनुष्य चाहे प्रतिष्ठित भी हो, परन्तु वह समझ नहीं रखते तो वे पशुओं के समान है, जो मर मिटते है।” इसलिए, इस दुनिया के लोगों को पहले से ही पता होना चाहिए कि शैतान की योजना क्या है, अब इस युग के संतो द्वारा प्रचारित पानी और आत्मा के सुसमाचार पर विश्वास करें, और इस तरह शैतान के सेवक बनने के अभिशाप से बचें और इसके बजाय परमेश्वर के लोगों के रूप में परमेश्वर के राज्य की आशीष को प्राप्त करे।