विषय-सूची
भाग एक — उपदेशों
1. छुटकारा पाने के लिए हमें सबसे पहले अपने पापों को जानना चाहिए (मरकुस 7:8-9, 20-23)
2. मनुष्य पापी के रूप में जन्म लेते हैं (मरकुस 7:20-23)
3. यदि हम मूसा का कानून के अनुसार काम करें, तो क्या यह हमें बचा सकता है? (लूका 10:25-30)
4. शाश्वत मोचन (यूहन्ना 8:1-12)
5. यीशु जी का बपतिस्मा और पापों का प्रायश्चित (मत्ती 3:13-17)
6. यीशु मसीह जल, लहू, और पवित्र आत्मा के द्वारा आए (1 यूहन्ना 5:1-12)
7. यीशु जी का बपतिस्मा पापियों के लिए उद्धार का प्रतिरूप है (1 पतरस 3:20-22)
8. प्रचुर प्रायश्चित का सुसमाचार (यूहन्ना 13:1-17)
भाग दो — परिशिष्ट
1. पूरक व्याख्या
2. प्रश्नों और उत्तरों
(Hindi)
इस शीर्षक का मुख्य विषय "पानी और पवित्र आत्मा से नया जन्म पाना" है। इस विषय पर इसकी मौलिकता है। दूसरे शब्दों में, यह पुस्तक हमें स्पष्ट रूप से बताती है कि नया जन्म क्या है और बाइबल के कड़े अनुपालन में पानी और पवित्र आत्मा से नया जन्म कैसे पाया जाता है। पानी यरदन नदी में यीशु जी के बपतिस्मा का प्रतीक है और बाइबल कहती है कि जब यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला ने यीशु जी को बपतिस्मा दिया तो हमारे सभी पाप यीशु जी पर हस्तांतरित हो गए। यूहन्ना सभी मनुष्यों का प्रतिनिधि और महायाजक हारून का वंशज था। हारून ने प्रायश्चित्त के दिन बलि के बकरे के सिर पर अपने हाथ रखे और इस्राएलियों के सभी वार्षिक पापों को उस पर हस्तांतरित कर दिया। यह आने वाली अच्छी चीजों की छाया है। यीशु जी का बपतिस्मा हाथ रखने का प्रतिरूप है। यीशु जी को यरदन नदी में हाथ रखने के रूप में बपतिस्मा दिया गया था। इसलिए उन्होंने अपने बपतिस्मा के माध्यम से दुनिया के सभी पापों को उठा लिया और पापों के लिए भुगतान करने के लिए क्रूस पर चढ़ाए गए। लेकिन अधिकांश मसीही नहीं जानते कि यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला ने यरदन नदी में यीशु जी को क्यों बपतिस्मा दिया। यीशु जी का बपतिस्मा इस पुस्तक का मुख्य शब्द है और पानी और पवित्र आत्मा के सुसमाचार का अनिवार्य हिस्सा है। हम केवल यीशु जी के बपतिस्मा और उनके क्रूस में विश्वास करके ही नया जन्म पा सकते हैं।
(Danish)
Denne titels hovedemne er »at blive født på ny af Vand og Ånden.« Det har originalitet om emnet. Med andre ord fortæller denne bog os tydeligt, hvad det vil sige at blive født på ny, og hvordan vi kan blive født på ny af vand og Ånden i nøje overensstemmelse med Bibelen. Vandet symboliserer Jesu dåb ved Jordan, og Bibelen siger, at alle vore synder blev overført til Jesus, da Han blev døbt af Johannes Døber. Johannes var repræsentant for hele menneskeheden og efterkommer af Aron, ypperstepræsten. Aron udførte håndspålæggelse på Azazel og overførte alle israelitternes årlige synder til den på Forsoningsdagen. Det er en skygge af de gode ting, der skal komme. Jesu dåb er et tegn på håndspålæggelsen. Jesus blev døbt i form af håndspålæggelse ved Jordan. Således borttog Han alle verdens synder gennem Sin dåb og blev korsfæstet for at betale for synderne. Men de fleste kristne ved ikke, hvorfor Jesus blev døbt af Johannes Døber i Jordan. Jesu dåb er nøgleordet i denne bog og den uundværlige del af Evangeliet om Vandet og Ånden. Vi kan kun blive født på ny ved at tro på Jesu dåb og Hans Kors.
Next
Hindi 2: पानी और आत्मा के सुसमाचार की ओर वापसी
Danish 2: VEND TILBAGE TIL EVANGELIET OM VANDET OG ÅNDEN
অধিক