की बाइबल, केवल पुराना और नया नियम मिलकर पवित्र आत्मा से मौखिक रूप से प्रेरित है, मूल प्रत त्रुटिहीन है, और यह परमेश्वर के अचूक और आधिकारिक वचन है।
की एक त्रिएक परमेश्वर अनंतकाल से तिन व्यक्तित्व में अस्तित्व में है: पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा।
की अआदम को परमेश्वर के स्वरुप में बनाया गया था, शैतान जो इस दुनिया का शासक है उसके द्वारा उसका परिक्षण हुआ, और वह पाप में पडा। आदम के पाप के कारण, सारे मनुष्य अपराधी ठहरे है, पूरी तरह से भ्रष्ट हो गए है, और उद्धार के लिए उनका पवित्र आत्मा के द्वारा नया जन्म लेना जरुरी है।
की यीशु परमेश्वर है, जो कुँवारी से जन्मा, यरदन नदी में यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से बपतिस्मा लिया, परमेश्वर के मेमने के रूप में क्रूस पर चढ़ा, मृत्यु से सजीवन हुआ, और स्वर्ग में उठा लिया गया, जहाँ अब वो पिता के दाहिने हाथ बैठा है।
की उद्धार में पाप की माफ़ी, मसीह की धार्मिकता का आरोपण, और अनन्त जीवन का उपहार कार्यों से नहीं लेकिन केवल विश्वास से प्राप्त होते है।
की यीशु का वापस आना करीब है, और यह प्रत्यक्ष और व्यक्तिगत होगा।
की उद्धार पाए हुए लोगों को अनन्त जीवन और स्वर्ग में आशीषों के लिए उठा लिया जाएगा और जिन्होंने उद्धार नहीं पाया है उन्हें नरक में अनन्त दण्ड के लिए उठा लिया जाएगा।
की कलीसिया, मसीह की देह, केवल उन लोगों के लिए बनी है जिन्होंने नया जन्म पाया है, जिन्होंने नया जन्म पाते समय मसीह में पवित्र आत्मा से बपतिस्मा पाया है, जिनके लिए अब वह स्वर्ग में मध्यस्था कर रहा है और जिनके लिए वह फिर से आने वाला है।
की मसीह ने कलीसिया को पूरी दुनिया में जाकर प्रत्येक व्यक्ति को सुसमाचार प्रचार करने का, और जो विश्वास करे उन्हें बपतिस्मा देने और सिखाने का आदेश दिया है।