Search

सहकर्मियों के संदेश

यदि आप सहकर्मी है और आप “सहकर्मियों के संदेश” में संदेश या फोटो पोस्ट करना चाहते है, तो “पोस्ट संदेश” बटन पर क्लिक करे, और साइन इन करे। आपकी पोस्ट को हमारे द्वारा स्वीकार करने के बाद ही देखा जा सकता है।

संदेश पोस्ट करे
कुल 1
  • नंबर 1

    अंधकार से प्रकाश की ओर

    यीशु ने उत्तर दिया, “मैं तुझ से सच सच कहता हूँ, जब तक कोई मनुष्य जल और आत्मा से न जन्मे तो वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता” (यूहन्ना ३:५)।मसीही होने के नाते हम केवल उन बातो पर विश्वास करते है जिन्हें हम सुनते है, मैं भी उन में से एक हूँ जो दूसरो से सुनता था और अपने मन से विश्वास करता था। मैंने कभी भी इस बात को इतना महत्त्व नहीं दिया था की क्या मैं सही रास्ते पर चल रहा हूँ, क्या मैं सत्य को जानता और विश्वास करता हूँ। कई बार मेरे पाप मेरे मन के अन्दर इतनी हलचल मचा देते थे की मेरे लिए किसी भी बात पर ध्यान केन्द्रित करना बड़ा असंभव बन जाता था और उसकी वजह से मैं दोष भावना का अनुभव भी करता था। फिर एक दिन मैंने वेबसाईट के माध्यम से पानी और आत्मा के सुसमाचार के बारे में सुना और उसे सुनने और उस पर विश्वास करने के बाद मानो मेरे मन से एक बड़ा पत्थर हट गया और मैंने बड़ा ही सुकून का अनुभव किया। फिर बाद में मुझे पता चला की जिस बातों को मैं अब तक मानता था वह वे बातें थी जो मनुष्यों ने अपने मन से बनाई हुई थी और उसमे सत्य की कमी थी। यह बिलकुल सही और वचन के आधार पर है की यदि मनुष्य उद्धार पाना चाहता है तो उसे पानी और आत्मा के सुसमाचार पर विश्वास करना जरुरी है ताकि वह पवित्र आत्मा को भी पा सके। हम केवल यह विश्वास करते है कि यीशु के क्रूस पर के लहू के द्वारा ही हमे उद्धार मिलता है लेकिन यह आधा सुसमाचार है। पूरा सुसमाचार यह है कि जब यीशु ने यूहन्ना से यरदन नदी में बाप्तिस्मा लिया टैब हमारे सारे पाप उसके ऊपर पारित किए गए और जब उसने क्रूस पर अपना लहू बहाया तब उसने उन सारे पापों का न्याय चुकाया। यह ठीक उसी तरह है जैसे पुराने नियम में बलिपशु के ऊपर अपने सारे पापों को डालने के लिए महायाजक उसके सिर पर आने हाथों को रखता था। यह सच में बड़ी अदभुत सच्चाई और उद्धार का सामर्थ्य है।मैं परमेश्वर का धन्यवाद करता हूँ की उसने मुझे पानी और आत्मा के सुसामाचार को जानने और उस पर विश्वास करने के लिए अपनी कृपा दी।- दर्शक पटेल

    • Darshak Patel
    • India
    • 11/04/2021132
The New Life Mission

हमारे सर्वेक्षण में भाग लें

आप हमारे बारे में कैसे जाने?