कोविड-19 और आंतरराष्ट्रीय डाक सेवा में रुकावट की वजह से हमने कुछ समय के लिए 'निःशुल्क मुद्रित किताबों की सेवकाई' को निलंबित किया हुआ है।
इन परिस्थितियों को देखते हुए हम इस समय आपको किताबें भेजने में असमर्थ है।
प्रार्थना करे कि यह महामारी जल्द ही खत्म हो जाए और डाक सेवा फिर से शुरू हो जाए।
परमपवित्र वह स्थान है जहाँ परमेश्वर निवास करते है। परम पवित्र स्थान में, ऊपर से निचे देखते हुए अपनी पंख फैलाते हुए दो करुबों को रखा गया है जो वाचा के संदूक को ढँक देते है। दोनों करुबों के बिच के अन्तर को दयासन कहा जाता है। दयासन वो जगह है जहाँ परमेश्वर हमें अनुग्रह देता है। वाचा के संदूक का ढकना लहू से तरबतर है, क्योंकि इस्राएल के लोगों के द्वारा दिए गए अर्पण के बलिदान के लहू को महायाजक सात बार दयासन पर छिड़कता था।
केवल महायाजक साल में एक बार प्रायश्चित के दिन इस्राएलियों के पापों की माफ़ी के लिए बकरी के बलिदान का लहू लेकर परमपवित्र स्थान में प्रवेश कर सकते थे। उसने ऐसा किया क्योंकि मिलापवाले तम्बू का परमपवित्र स्थान वह स्थान था जहाँ परमेश्वर निवास करते थे और वहाँ वो बलिदान के लहू के बगैर प्रवेश नहीं कर सकता था जिसे पापियों के अपराधों को मिटाने के लिए बलिदान के सिर पर हाथ रखकर सारे पाप उसके ऊपर डालने के बाद उसका लहू बहाया जाता था।
इसतरह परमेश्वर दयासन पर उतर कर आता था और इस्राएल के लोगों के ऊपर अपनी दया करता था। जो लोग इस पर विश्वास करते है, उनके लिए परमेश्वर की आशीष, सुरक्षा और मार्गदर्शन की शुरुआत होती है। उसके बाद से, वे परमेश्वर के सच्चे लोग बनते है और पवित्र स्थान में प्रवेश करने के योग्य बनते है।