ہندی 1
Rev. Paul C. Jong
اگرچہ کورونا وائرس کی وباء ختم ہو چکی ہے، لیکن مختلف مشکل بین الاقوامی حالات کی وجہ سے ہماری چھپی ہوئی کتابوں کو بذریعہ ڈاک بھیجنے یا وصول کرنے میں اب بھی مشکلات ہیں۔ جب بین الاقوامی حالات بہتر ہوجائیں گے اور ڈاک کی سروس معمول پر آجائے گی تو ہم چھپی ہوئی کتابوں کو بھیجنا دوبارہ شروع کریں گے۔
मेरा नाम दर्शक है और में इण्डिया से। हम सब लोग स्वर्ग में जाना चाहते है और हमारे सृष्टिकर्ता के साथ रहना चाहते है। लेकिन क्या हमारे पास यह निश्चितता है की हम स्वर्ग में जाएंगे ही?
बाइबल यूहन्ना ३:५ में कहती है की, “जब तक कोई मनुष्य जल और आत्मा से न जन्मे तो वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता।”
हम मसीही हमेशा केवल यीशु के लहू पर ही ध्यान देते है जो उसने क्रूस पर बहाया, लेकिन क्या कभी हमने यह सोचा है की वह क्रूस तक कैसे पहुंचा?
“क्या वास्तव में आपका पानी और आत्मा से नया जन्म हुआ है” इस शीर्षक वाली किताब इस बारे में बहुत गहराई से समझाती है की कौन स्वर्ग राज्य में प्रवेश करेगा।
इस किताब का मुख्य केंद्र यीशु का बपतिस्मा है क्योंकि यदि हम पूरी किताब को पढ़ते है तो हम समझ पायेंगे की यीशु के बपतिस्मा के बगैर उसका क्रूस पर चढ़ाया जाना बेकार है। पुराने नियम में, परमेश्वर ने इस्राएलियों को छूताकारे की व्यवस्था दी। उस व्यवस्था के मुताबिक़, महायाजक हारून को अपने हाथ बलि के बकरे के सिर पर रखकर इस्राएलियों के सारे पाप उसके ऊपर पारित करने पड़े थे, और इस प्रकार वे परमेश्वर की दृष्टि में पापरहित बने थे।
उसी प्रकार नए नियम में हम मनुष्य इसलिए पापरहित बने क्योंकि जब यूहन्ना ने यीशु को बपतिस्मा दिया, तब उसने अपने हाथ यीशु के सिर पर रखे और जगत के सारे पाप यीशु के ऊपर पारित कर दी और फिर यीशु उन सारे पापों को लेकर क्रूस तक गए और हमारी जगह उस क्रूस पर बलिदान हुए।
यदि हम केवल यीशु के लहू पर विश्वास करते है और उसके बपतिस्मा को नजरअंदाज करते है तो हमारा विश्वास अधूरा विश्वास है। हमें पापरहित बनने के लिए यीशु के बपतिस्मा और उसके लहू दोनों पर विश्वास करना चाहिए।
यह किताब हमें गहरा ज्ञान देता है और पापरहित बनने और परमेश्वर के द्वारा निर्धारित सच्चा उद्धार प्राप्त करने में हमारी मदद करती है।