1. पापियों का उद्धार मिलापवाले तम्बू में प्रगट हुआ (निर्गमन २७:९-२१) 2. हमारा प्रभु जिसने हमारे लिए दुःख सहा (यशायाह ५२:१३-५३:९) 3. यहोवा ज़िंदा परमेश्वर (निर्गमन ३४:१-८) 4. क्यों परमेश्वर ने मूसा को सिनै पर्वत पर बुलाया उसका कारण (निर्गमन १९:१-६) 5. कैसे इस्राएली लोग मिलापवाले तम्बू में भेंट देने के लिए आए: ऐतिहासिक पृष्टभूमि (उत्पत्ति १५:१-२१) 6. ख़तने की वाचा में परमेश्वर का जो वायदा था वो आज भी हमारे लिए लागू है (उत्पत्ति १७:१-१४) 7. मिलापवाले तम्बू को बनाने की सामग्री जिसने विश्वास की नींव रखी (निर्गमन २५:१-९) 8. मिलापवाले तम्बू के आँगन के द्वार का रंग (निर्गमन २७:९-१९) 9. होमबलि की वेदी के ऊपर प्रगट हुआ विश्वास (निर्गमन २७:१-८) 10. हौदी के अन्दर प्रगट हुआ विश्वास (निर्गमन ३०:१७-२१) 11. उद्धार की गवाही
हम मिलापवाले तम्बू में छिपे सत्य को कैसे ढूंढ सकते है? केवल पानी और आत्मा का सुसमाचार जानने के द्वारा, मिलापवाले तम्बू का सही मतलब हम ठीक से जान पाते है और इस प्रश्न के उत्तर को जान सकते है। हकीकत में, नीले, बैंजनी और लाल रंग का कपड़ा और बटी हुई सनी का कपड़ा जो मिलापवाले तम्बू के आँगन के द्वार में प्रगट होता है वह हमें नए नियम में यीशु मसीह के कार्य को दिखाते है जिसने मनुष्यजाति को बचाया था। इस तरह, पुराने नियम के मिलापवाले तम्बू के वचन और नए नियम के वचन बटी हुई सनी के कपड़े के जैसे आपस में मिलते जुलते है। लेकिन, दुर्भाग्यसे, मसीहियत में सत्य की खोज करनेवाले सारे लोगों से यह सत्य लम्बे समय तब छिपा हुआ था। इस पृथ्वी पर आने के बाद, यीशु मसीह ने यूहन्ना से बपतिस्मा लिया उअर क्रूस पर अपना लहू बहाया। पानी और आत्मा के सुसमाचार को समझे और विश्वास किए बिना, हम में से कोई भी मिलापवाले तम्बू में प्रगट हुए सत्य को नहीं ढूंढ सकता। अब हमें मिलापवाले तम्बू के इस सत्य को सीखना चाहिए और उस पर विश्वास करना चाहिए। हम सभी को मिलापवाले तम्बू के आँगन के द्वार पर के नीले, बैजनी, और लाल कपड़े और बटी जी सनी के कपड़े को समझना चाहिए और विश्वास करना चाहिए।