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विषय ११ : मिलापवाला तम्बू

[11-5] कैसे इस्राएली लोग मिलापवाले तम्बू में भेंट देने के लिए आए: ऐतिहासिक पृष्टभ (उत्पत्ति १५:१-२१)

कैसे इस्राएली लोग मिलापवाले तम्बू में भेंट देने के लिए आए: ऐतिहासिक पृष्टभ
(उत्पत्ति १५:१-२१)
“इन बातों के पश्‍चात् यहोवा का यह वचन दर्शन में अब्राम के पास पहुँचा : “हे अब्राम, मत डर; तेरी ढाल और तेरा अत्यन्त बड़ा प्रतिफल मैं हूँ।” अब्राम ने कहा, “हे प्रभु यहोवा, मैं तो निर्वंश हूँ, और मेरे घर का वारिस यह दमिश्कवासी एलीएजेर होगा, अत: तू मुझे क्या देगा?” और अब्राम ने कहा, “मुझे तो तू ने वंश नहीं दिया, और क्या देखता हूँ कि मेरे घर में उत्पन्न हुआ एक जन मेरा वारिस होगा।” तब यहोवा का यह वचन उसके पास पहुँचा, “यह तेरा वारिस न होगा, तेरा जो निज पुत्र होगा, वही तेरा वारिस होगा।” और उसने उसको बाहर ले जा के कहा, “आकाश की ओर दृष्‍टि करके तारागण को गिन, क्या तू उनको गिन सकता है?” फिर उसने उससे कहा, “तेरा वंश ऐसा ही होगा।” उसने यहोवा पर विश्‍वास किया; और यहोवा ने इस बात को उसके लेखे में धर्म गिना।तब उसने उससे कहा, “मैं वही यहोवा हूँ जो तुझे कसदियों के ऊर नगर से बाहर ले आया, कि तुझ को इस देश का अधिकार दूँ।” उसने कहा, “हे प्रभु यहोवा, मैं कैसे जानूँ कि मैं इसका अधिकारी हूँगा?” यहोवा ने उससे कहा, “मेरे लिये तीन वर्ष की एक कलोर, और तीन वर्ष की एक बकरी, और तीन वर्ष का एक मेढ़ा, और एक पिण्डुक और कबूतर का एक बच्‍चा ले।” इन सभों को लेकर उसने बीच से दो टुकड़े कर दिया, और टुकड़ों को आमने-सामने रखा; पर चिड़ियों के उसने टुकड़े नहीं किए। जब मांसाहारी पक्षी लोथों पर झपटे, तब अब्राम ने उन्हें उड़ा दिया। जब सूर्य अस्त होने लगा, तब अब्राम को भारी नींद आई; और देखो, अत्यन्त भय और महा अन्धकार ने उसे छा लिया। तब यहोवा ने अब्राम से कहा, “यह निश्‍चय जान कि तेरे वंश पराए देश में परदेशी होकर रहेंगे, और उस देश के लोगों के दास हो जाएँगे; और वे उनको चार सौ वर्ष तक दु:ख देंगे।फिर जिस देश के वे दास होंगे उसको मैं दण्ड दूँगा : और उसके पश्‍चात् वे बड़ा धन वहाँ से लेकर निकल आएँगे। तू तो अपने पितरों में कुशल के साथ मिल जाएगा; तुझे पूरे बुढ़ापे में मिट्टी दी जाएगी। पर वे चौथी पीढ़ी में यहाँ फिर आएँगे : क्योंकि अब तक एमोरियों का अधर्म पूरा नहीं हुआ है।” और ऐसा हुआ कि जब सूर्य अस्त हो गया और घोर अन्धकार छा गया, तब एक अंगीठी जिसमें से धूआँ उठता था और एक जलती हुई मशाल दिखाई दी जो उन टुकड़ों के बीच में से होकर निकल गई। इसी दिन यहोवा ने अब्राम के साथ यह वाचा बाँधी, “मिस्र के महानद से लेकर परात नामक बड़े नद तक जितना देश है, अर्थात् केनियों, कनिज्जियों, कदमोनियों, हित्तियों, परीज्जियों, रपाइयों, एमोरियों, कनानियों, गिर्गाशियों और यबूसियों का देश मैं ने तेरे वंश को दिया है।”
 
 

परमेश्वर के वचन में अब्राहम का विश्वास

 
बाइबल में दिखाए गए अब्राहम के विश्वास का मैं बहुत ही आदर करता हूँ। जब हम अब्राहम के विश्वास की ओर देखते है, तब हम उसके विश्वास की पीड़ा को देख सकते है जो उसने यहोवा के वचन को पालन करने के लिए उठाई, इसलिए हम अब्राहम के विश्वास की सराहना करते है। परमश्वर ने अब्राहम को बहुत ही आशीषित किया था, जैस हम उत्पत्ति १२:३ में देख सकते है, जहाँ परमेश्वर कहते है, “जो तुझे आशीर्वाद दें, उन्हें मैं आशीष दूँगा; और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूँगा; और भूमण्डल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएँगे।” यह महान आशीष उत्पत्ति १५:१ में भी देख सकते है, जहाँ परमेश्वर अब्राहम को घोषणा करते है, “हे अब्राम, मत डर; तेरी ढाल और तेरा अत्यन्त बड़ा प्रतिफल मैं हूँ।” परमेश्वर अब्राहम से विशेष प्रेम करते थे इसलिए वह उसके व्यक्तिगत परमेश्वर बन गए।
अब्राहम को कसदियों के ऊर नामक नगर से बहार निकाल कर, परमेश्वर ने अपने आप को उसके सामने प्रगट किया, और उससे कहा, “हे अब्राहम, मत डर, तेरी ढाल और तेरा अत्यन्त बड़ा प्रतिफल मैं हूँ।” जब परमेश्वर ने यह कहा, तब अब्राहम ने प्रत्युत्तर में कहा, “आप मुझे क्या देंगे?” अब्राहम के यह शब्द अविश्वास के शब्द नहीं थे जो संदेहवादी हृदय से निकले थे जो पूछ रहे थे की परमेश्वर उसे क्या देंगे, लेकिन उसके बदले उसमे अब्राहम परमेश्वर से आशीष पाना चाहता था उसकी उत्सुकता थी। तो फिर अब्राहम परमेश्वर से कौन सी आशीष चाहता था? अब्राहम परमेश्वर से जो कहता है उसमे यह बात प्रगट होती है: “आप मुझे क्या देंगे? क्योंकि मैं निर्वंश हूँ, मेरे घर का वारिश यह दमिश्कवासी एलीएज़र है, वह मेरा गोद लिया हुआ बेटा बनेगा और मेरी सारी सम्पति का वारिस बनेगा! आप मुझे क्या देंगे?” यहाँ, हमें समझना चाहिए की वह अपनी खुद की संतान पाने के लिए कितना इच्छुक है। जो लोग जान बुच कर संतान पाना नहीं चाहते वह इस बात को नहीं समझ सकते, लेकिन वह वास्तव में चाहता था का उसका वारिस उसकी खुद की संतान हो।
जैसे परमेश्वर ने अपनी सारी आशीष अपनी संतानों को दी है जिसे उसने अपने स्वरुप में बनाया है, वैसे ही लोगों की भी इच्छा होती है की वे अपने बच्चो को सबसे अच्छी चीजे दे। वैसे ही, जब अब्राहम ने परमेश्वर से कहा, “मेरा सेवक मेरा वारिस बनेगा,” तब हम समझ सकते है की वह परमेश्वर से आशीष पाने को कितना उत्सुक था, ताकि उसके वारिस के रूप में उसका खुद का बच्चा हो। फिर परमेश्वर ने अब्राहम को कहा, “वह सच नहीं है। तेरी पत्नी के पेट से जो जन्म लेगा वाही तेरा वारिस बनेगा, दमिश्कवासी तेरा सेवक एलीएज़र नहीं।”
फिर परमेश्वर अब्राहम को बहार लेकर आए, और उसे ऊपर आशामान की ओर देखने और तारो को गिनने के लिए कहा। इसलिए अब्राहम ने ऊपर तारों की ओर देखा। आशमान में चारों ओर अनगिनत तारे और आकाशगंगा थी। जब परमेश्वर ने अब्राहम को तारे गिनने के लिए कहा, तब अब्राहम ने उत्तर दिया की वहाण तो बहुत सारे तारें है। तब परमेश्वर ने अब्राहम से वायदा किया की वह आशामान में जितने तारे है उतने वंशज उसे देगा।
अब्राहम ने परमेश्वर के वायदे के वचनों पर विश्वास किया। इस तरह वह विश्वास का पिता बना जो सच में परमेश्वर के सारे वचनों पर विश्वास करता था। इसलिए परमेश्वर ने उससे कहा, “तुम्हारा विश्वास सच्चा है। तुम मेरे वचन पर विश्वास करते हो। इसलिए मैं तुम्हें आशामान में जितने तारें है उतने वंश देने के द्वारा तुम्हें आशीष देता हूँ।”
 
 

अब्राहम का बलिदान अर्पण और परमेश्वर का कनान देश का वायदा

 
परमेश्वर ने अब्राहम को कास्दियों के नगर से बहार निकाला और उसे वायदा किया की वह उसे और उसके वंशजो को कनान देश देगा। तो फिर उसका सबूत क्या है की परमेश्वर अपना वायदा पूरा करेगा? परमेश्वर अब्राहम से जो कहता है उसमे हम इस बात को देख सकते है, “तिन साल का बछड़ा, तिन साल की मादा बकरी, तिन साल का भेड़, जंगली कबूतर, और एक कबूतर मेरे पास लेकर आओ। यह वाचा का प्रमाण है जो मैंने तुमसे बाँधी है की मैं तुम्हें ओर तुम्हारीं संतानों को कनान देश दूंगा।” यह हमें दिखाता है की अब्राहम के वंशज अपने पाप को साफ़ करने के लिए परमेश्वर को बलिदान का अर्पण देंगे, और यह परमेश्वर का वायदा था की इस विश्वास के द्वारा वे कनान देश में प्रवेश करेंगे।
बलिदान चढाते समय जब अब्राहम गहरी नींद में पडा, तब परमेश्वर उसके सामने प्रगट हुआ और उसे वायदा किया, “यह निश्‍चय जान कि तेरे वंश पराए देश में परदेशी होकर रहेंगे, और उस देश के लोगों के दास हो जाएँगे; और वे उनको चार सौ वर्ष तक दु:ख देंगे। फिर जिस देश के वे दास होंगे उसको मैं दण्ड दूँगा : और उसके पश्‍चात् वे बड़ा धन वहाँ से लेकर निकल आएँगे। तू तो अपने पितरों में कुशल के साथ मिल जाएगा; तुझे पूरे बुढ़ापे में मिट्टी दी जाएगी। पर वे चौथी पीढ़ी में यहाँ फिर आएँगे : क्योंकि अब तक एमोरियों का अधर्म पूरा नहीं हुआ है” (उत्पत्ति १५:१३-१६)।
दुसरे शब्दों में, परमेश्वर ने वायदा किया की वह इस्राएल के लोगों को मिस्र में समृध्ध करेगा, और फिर उन्हें कनान देश में लेकर जाएगा; और ऐसा करने के लिए, उसने फैसला किया की उन्हें बलिदान चढ़ाना होगा जो मिलापवाले तम्बू में उनके पापों को दूर करे। अब्राहम को यह दिकाने के लिए की वह वायदों को पूरा करेगा, परमेश्वर ने अब्राहम के बलिदान किए हुए अर्पण को आग से जलाया।
इस तरह से, परमेश्वर का अब्राहम से किया हुआ वायदा की वह उसे और उसके वंश को अपने लोग बनाएगा, वह बलिदान अर्पण के द्वारा बलिदान देने से पापों की माफ़ी से हुआ। परमेश्वर ने अब्राहम से यह वायदा भी किया, “केनियों, कनिज्जियों, कदमोनियों, हित्तियों, परीज्जियों, रपाइयों, एमोरियों, कनानियों, गिर्गाशियों और यबूसियों का देश मैं ने तेरे वंश को दिया है।” परमेश्वर ने यह वायदा किया वह यह दिखाने के लिए था की वह बलिदान के अर्पण के द्वारा अब्राहम और उसके वंश के पाप को धो देगा। परमेश्वर ने अब्राहम को जो वायदा किया था उसे पूरा करने की प्रक्रिया को हम पुराने नियम के इतिहास में देख सकते है।
परमेश्वर ने यूसुफ को मिस्र का प्रधान बनाया और याकूब के परिवार को बढाने के लिए वह उन्हें मिस्र में लेकर आया (उत्पत्ति ४१:३७-४५; उत्पत्ति ४७)। लेकिन, जैसे समय बिता, वैसे एक नया फारून आया जो मिस्र के लिए यूसुफ ने की हुई सार्वजनिक सेवा को नहीं जानता था, और उसने इस्राएल के लोगो को सताना शुरू किया जो लोग वहाँ फल फूल रहे थे। बहुत ही जल्द इस्राएली गुलाम बन गए, मिस्र के लिए उनसे जबरन काम करवाया जता था (निर्गमन १:८-१४)। फिर भी, इस्राएल के लोग फलते फूलते रहे, और इसलिए फारून उन्हें ओर भी ज्यादा गुलामी के तहत प्रताड़ित करता रहा। यह वो समय था जब इस्राएल के लोग ४०० सालों से बंधवाई में थे और अब वे उद्धारकर्ता का इंतजार कर रहे थे।
मूसा के द्वारा, परमेश्वर उन्हें मिस्र की गुलामी से निकाल कर लाया (निर्गमन १४:२१-२५)। इस्राएल के लोगों को जो मिस्र देश में से निकल कर ही आए थे, उनको परमेश्वर ने मूसा के द्वारा मिलापवाले तम्बू की बलिदान की पध्धति दी, और बलिदान अर्पण करने के द्वारा उन्हें पाप को दूर किया। इस तरह इस्राएल के लोगों ने परमश्वर से व्यवस्था (निर्गमन २०) और मिलापवाले तम्बू की बलिदान की पध्धति पाई (लैव्यव्यवस्था १-४)। व्यवस्था और मिलापवाले तम्बू की बलिदान की पध्धति के द्वारा इस्राएल के लोग बलिदान अर्पण को जान पाए जो उनको उनके पापों की माफ़ी देगा, और आशीषित इस्राएल परमेश्वर के पवित्र राज्य के याजक बने (निर्गमन १९:६)।
अन्त में, हम ढूँढ सकते है की बलिदान के अर्पण के द्वारा, परमेश्वर ने अब्राहम को दिया हुआ वायदा पूरा किया की वह उसे आशामान के तारों के जितने वंशज देंगे और उन्हें कनान देश देंगे। जब इस्राएलियों ने मिस्र छोड़ा, तब युध्ध कर सके ऐसे २० साल से ऊपर के पुरुषों की संख्या ६००,०० से ज्यादा थी। परमेश्वर ने निश्चित रूप से अब्राहम को दिया हुआ वायदा पूरा किया।
अब्राहम के विश्वास की ओर देखते हुए, की उसने परमेश्वर के वचन पर विश्वास किया, परमश्वर ने अब्राहम के इस विश्वास का स्वीकार किया। परमेश्वर ने अब्राहम के विश्वास के करण उसे आशीष दिया। दुसरे शब्दों में, परमेश्वर के वचन पर अब्राहम के विश्वास के कारण परमेश्वर ने अब्राहम को प्रेम किया। क्योंकि अब्राहम ने परमेश्वर के वचन पर विश्वास किया, इसलिए परमेश्वर उसके विश्वास के कारण प्रसन्न हुआ। इसलिए परमेश्वर अब्राहम से इस्राएल राज्य को बनाना चाहता था, और उसके वंशजों को बलिदान की पध्धति दी थी उसके द्वारा उसने ख़तने के वायदे को पूरा किया।
हम देखते है की अब्राहम का विश्वास परमेश्वर के द्वारा स्वीकार किया गया क्योंकि उसने परमेश्वर को बलिदान अर्पण किया था। इस विश्वास ने हमें भी अपने सारे पाप माफ़ करने के लिए अनुमति दी है, हमारे कार्य से नहीं, लेकिन परमेश्वर के वचन पर हमारे विश्वास से। जिन्होंने आत्मिक खतना पाया है जो परमेश्वर के वचन पर विश्वास करने के द्वारा उनके पापों को दूर करता है जैसे अब्राहम ने किया था, उनको परमेश्वर ने अपनी आशीष के रूप में कनान देश दिया है। वैसे ही, परमेश्वर हमसे ऐसा विश्वास चाहता है जो अब्राहम के पास था। वह चाहता है की आज आप और मैं उसके वचन पर विश्वास करने क द्वारा पापों की माफ़ी को अपने हृदय में ग्रहण करे, अब्राहम की तरह, और हम परमेश्वर के राज्य के वारिस बने। परमेश्वर पिताने हमारे सारे पाप यीशु के बपतिस्मा के द्वारा उसके ऊपर डाल दिए और उसे सारी मनुष्यजाति के लिए “परमेश्वर का मेम्ना” बनाया। और परमेश्वर चाहता है की हम भी अब्राहम की तरह इस सत्य पर विश्वास करे। वह ऐसे विश्वासियों को अनंतकाल के लिए अपने लोग बनाना चाहता है।
परमेश्वर हमें दिखाता है की जैसे अब्राहम परमेश्वर के वचन पर अपने विश्वास के कारण आशीषित हुआ, वैसे आप और मैं भी अब्राहम के जैसा विश्वास रखने से परमेश्वर की सारी आशीष पा सकते है। परमेश्वर ने मूसा को सिनै पर्वत पर बुलाया, उसे व्यवस्था और बलिदान की पध्धति दी, और जिन्होंने इस वचन पर विश्वास किया उन्हें अपने लोग बनने का आशीष दिया।
भले ही हम उसकी व्यवस्था का पालन करने में विफल रहे, लेकिन फिर भी परमेश्वर ने मिलापवाले तंबो के पाप की माफ़ी के द्वारा हमें उसके लोग बनाया है। मिलापवाले तम्बू में प्रगट हुए सत्य पर हमारे विश्वास के द्वारा, परमेश्वर ने हमें उसकी अनन्त आशीष पाने के योग्य बनाया है। वैसे ही, हम सब को मिलापवाले तम्बू में प्रगट हुए सत्य पर विश्वास करने के द्वारा परमेश्वर के लोग बनना चाहिए। जब हम हमारे दिल में विश्वास करते है की परमेश्वर ने हमें यीशु मसीह को दिखाया और हमें मिलापवाले तम्बू के द्वारा उद्धार दिया केवल तभी हम उसकी बहुतायत कजी आशीष को पा सकते है।
 
 

जैसे अब्राहम ने परमेश्वर के वचन पर विश्वास किया, वैसा हमें भी परमेश्वर के वचन के आधार पर उस पर विश्वास करना है

 
अब्राहम अपने अच्छे कार्यो की वजह से आशीषित नहीं था, लेकिन परमेश्वर के वचन पर उसके विश्वास के करण आशीषित था। व्यवस्था के द्वारा, परमेश्वर ने हमें हमारे पाप को जानने के लिए योग्य बनाया, और मिलापवाले तम्बू की बलिदान की पध्धति के द्वारा, उसने हमें इस योग्य बनाया की निर्दोष बलि के सिर पर हाथ रखकर और उसके लहू को परमेश्वर के सामने अर्पण कर हम हमारे पापों की माफ़ी पाए। उसी तरह, यीशु मसीह, इस पृथ्वी पर आए, अपने बपतिस्मा से हमारे सारे पाप अपने ऊपर उठाए, हमारे इन पापों की वजह से क्रूस पर उसका न्याय हुआ और मर गया, और मृत्यु में से जीवित होकर उसने हमारे सरे पापों को माफ़ किया। केवल इस सत्य पर विश्वास करने के द्वारा हमारे सारे पाप माफ़ किए जा सकते है और हम परमेश्वर की संतान बन सकते है। बाइबल हमें बताती है की जो लोग अपने पूरे दिल से इस सत्य पर विश्वास करते है वे ही परमेश्वर की आशीष को पा सकते है। परमेश्वर के वचन पर विश्वास करने के द्वारा, हमें उसके उद्धार के वचन को मानना है, ऐसी मूल्यवान आशीष जो संसार में ओर कही नहीं पाई जा सकती।
क्यों अब्राहम ने परमेश्वर से बहुतायत की आशीष को पाया? वह आशीषित हुआ क्योंकि परमेश्वर ने उसे जो कहा उसने उस पर विश्वास किया। यहाँ तक की आज भी, अगर आप और मैं बाइबल में लिखे परमेश्वर के वचन पर विश्वास करे, तो हम भी अब्राहम के जैसा विश्वास पा सकते है और स्वर्ग की बहुत सारी आशीषों को पा सकते है। यह करने के लिए कोई कठिन काम नहीं है। यदि हम चाहते है की हमारे पास प्रमाण हो जो यह दिखाता हो की हम परमेश्वर के लोग है, तो हमें अपने कार्यो से परमेश्वर को खुश करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, लेकिन उसके वचन पर हमारे पूरे दिल से विश्वास करना चाहिए।
परमेश्वर ने अपने वचन के द्वारा अब्राहम को वायदा किया की वह उसके वंशजों को कनान देश देगा। वर्त्तमान समय में जीने वाले हम सभी लोगों को विश्वास करना चाहिए की यीशु की चार सेवकाई, जो मिलापवाले तम्बू के नीले, बैंजनी, और लाल कपड़े और बटी हुई सनी के कपड़े में प्रगट हुई और भविष्यवाणी की गई थी, उसने हमें हमारे सारे पापों से बचाया है। और ऐसा विश्वास करने के द्वारा, हमें हमारे पापों की माफ़ी पानी चाहिए, परमेश्वर की संतान बनना चाहिए, और स्वर्ग के राज्य के वारिस बनना चाहिए।
हमें पूर्ण रोप से उसके वचन पर विश्वास करना चाहिए, क्योंकि परमेश्वर का एक भी वचन व्यर्थ नहीं है, और क्योंकि उसके सरे वचन सच्चे और हमारे विश्वास के लिए महत्वपूर्ण है। हमें निश्चित रूप से उसके पानी और आत्मा के वचनों को जानना चाहिए, और हमें इस पर विश्वास करना ही चाहिए। क्यों? क्योंकि यही पूर्ण सत्य है! क्या आप अब विश्वास करते है? यदि आप दिल से सत्य पर विश्वास करते है, और अपने मुहं से अंगीकार करते है, तो आप परमेश्वर के द्वारा स्वीकार्य है। “क्योंकि धार्मिकता के लिये मन से विश्‍वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुँह से अंगीकार किया जाता है” (रोमियों १०:१०)। इसी लिए विश्वास बहुत ही महत्वपूर्ण है। और परमेश्वर के वचन पर पूरे दिल से विश्वास करने के लिए भी यह महत्वपूर्ण है। हमारे लिए जो महत्वपूर्ण है वह यह नहीं है की मनुष्य क्या कहत है, लेकिन परमेश्वर का लिखित वचन क्या कहता है उस पर विश्वास करना; और हमारे लिए जो महत्त्वपूर्ण है वह यह नहीं की हम हमारे खुद के विचार और भावना से विश्वास करे, लेकिन हमारे पूरे दिल से विश्वास करे। इसी लिए परमेश्वर के सेवक और जिन्होंने उद्धार पाया है वे जैसा लिखा है वैसे ही परमेश्वर के वचन का प्रचार करते है।
ख़तने के चिह्न के द्वारा, परमेश्वर ने अब्राहम और उसके वंशजों के साथ अपनी वाचा बाँधी और उन्हें मिलापवाले तम्बू की बलिदान की पध्धति दी, ताकि वे आनेवाले यीशु मसीह पर विश्वास कर सके, जो अपने बपतिस्मा से और क्रूस पर बहाए अपने लहू से उनके सारे पापों को माफ़ करेगा, ताकि इस विश्वास के द्वारा वे परमेश्वर के राज्य में प्रवेश कर सके।
मैं परमेश्वर की वाचा के वचन पर विश्वास करता हूँ। परमेश्वर के वचन पर विश्वास करने से केवल अब्राहम ही आशीषित नहीं हुआ, लेकिन हम सब भी उसके वचन पर विश्वास करने से आशीषित हो सकते है। मैं विश्वास करता हूँ की हमें हमारे पापों से बचाने के लिए परमेश्वर ने मिलापवाला तम्बू बनाया। इसी लिए परमेश्वर अब्राहम के वंशजों को सिनै पर्वत के पास लेकर आया और उन्हें व्यवस्था और मिलापवाले तम्बू की बलिदान की पध्धति दी। हम सब को यह जानना चाहिए की यह सत्य परमेश्वर की विधि है।